सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना है।
सोयाबीन की कीमतें 3,300 रुपये से नीचे ही रह सकती हैं। सोयामील की माँग अनुमान के अनुकूल नही होने से पेराई मिलों को अच्छा मार्जिन नही मिल रहा है। इसलिए वे अपनी क्षमता का केवल 60-70% ही पेराई कर रहे हैं।
सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 4,300 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में सरसों की कीमतों में बढ़ोतरी से मिलों की पेराई मार्जिन पर नकारात्मक असर पड़ा है। सरसों केक की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी के बाद माँग कम हो गयी है। अभी कुछ ही दिन पहले घरेलू खाद्य तेल की कीमतें सीबोट में सोया तेल और बीएमडी में पॉम ऑयल की कीमतों के विपरीत कारोबार कर रही थी। इसका कारण यह था कि डॉलर के मुकाबले रूपये के कमजोर होने से खाद्य तेलों का आयात महँगा हो गया था। लेकिन अब जब रुपया मजबूत होना शुरू हो गया है तो घरेलू बाजार में खाद्य तेल वायदा की कीमतों में गिरावट होनी शुरू हो गयी है। विश्व स्तर पर सोया तेल और पॉम ऑयल का वर्ष-दर-वर्ष अधिक उत्पादन के कारण दोनों की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त खाद्य तेलों की कम होती माँग के कारण भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोया तेल और पॉम तेलों की कीमतों में गिरावट हो रही है।
नवीनतम आँकड़ों के अनुसार अगस्त में मलेशियन पॉम ऑयल का भंडार पिछले महीने की तुलना में 12.4% बढ़ कर 2.49 मिलियन टन हो गया है, जबकि उत्पादन 7.9% बढ़ कर 1.62 मिलियन टन हुआ है।
इस बीच यूएसडीए का अनुमान है कि 2018-19 के लिए अमेरिकी सोया तेल का अंतिम स्टॉक 100 मिलियन बढ़ कर 2.166 बिलियन पाउंड हो सकता है। इस आधार पर सोया तेल (अक्टूबर) वायदा की कीमतों के 725 रुपये तक लुढ़कने की संभावना है और सीपीओ (सितंबर) वायदा की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 592-600 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 17 सितंबर 2018)
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