सोयाबीन वायदा (नवम्बर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 4,240-4,340 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
घरेलू बाजार में ऊंची कीमतों के कारण इस वर्ष के दौरान सोयामील के निर्यात में कमी आयी है। एसओपीए के नवीनतम अनुमान के अनुसार तेल वर्ष 2019-20 (अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020) में पूरे देश में कुल उत्पादन पिछले वर्ष के 109.33 लाख टन के मुकाबले 14.88% की गिरावट के साथ 93.06 लाख टन उत्पादन का अनुमान हैं। यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में कोविड-19 संक्रमण में वृद्धि के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंताओं के कारण वैश्विक बाजारों में व्यापक बिकवाली के बाद अमेरिकी सोयाबीन वायदा की कीमतों में गिरावट हुई है।
सरसों वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 5,840-5,940 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। जयपुर में सरसों की कीमतें 6,095-6,100 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में स्थिर रही है। सरसों तेल की कीमतें भी स्थिर रही, जिसकी जयपुर में कीमत 1,205-1,206 रुपये और आसपास के क्षेत्रों में 1,195-1,196 रुपये प्रति 10 किलोग्राम के दायरे में रही। सरसों मील की कीमतों में गिरावट हुई है और कीमतें 2,595-2,590 रुपये प्रति क्विंटल रही जबकि इससे पहले इसकी कीमतों 2,600-2,605 रुपये प्रति क्विंटल थी।
सोया तेल वायदा (नवम्बर) की कीमतों में 960-955 रुपये तक गिरावट हो सकती है, और सीपीओ वायदा (नवम्बर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 810-805 रुपये तक गिरावट हो सकती है। सीबोट में सोया तेल की कीमतों में गिरावट और बीएमडी में पॉम ऑयल की कीमतों में गिरावट से घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में मंदी की आशंका है। इस सप्ताह की शुरुआत में एक महीने के उच्च स्तर पर पहुँचने के बाद मुनाफा वसूली के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट हुई। इंडोनेशिया को नवंबर में कच्चे पॉम तेल पर निर्यात कर तीन डॉलर प्रति टन पर निर्धारित किया है जो अक्टूबर के बराबर है। लेकिन दुनिया के शीर्ष पॉम ऑयल उत्पादक अगले सप्ताह तक एक नयी निर्यात लेवी संरचना की घोषणा करेगा और उसमें अधिकतम 120-122.50 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी किये जाने की संभावना है। (शेयर मंथन, 29 अक्टूबर 2020)
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