कल कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों में शुक्रवार को 0.4% की गिरावट हुई है।
अब कीमतों के 36,650-37,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कम वर्ष दर वर्ष 75% अधिक है जबकि पिछले एक महीने में 9.756 बढ़ी है। सीएआई ने 2021-22 सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को 1,200 लाख बेल पटाकर के 34,813 लाख बेल (1 बेल 170 किलोग्राम का) कर दिया है जबकि पिछला अनुमान 360.13 लाख बेल उत्पादन का था, जबकि घरेलू खपत में 10 लाख बेल की बढ़ोतरी हुई यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने के 28 मिलियन मेल से घटाकर 27.5 मिलियन बेल कर दिया है जबकि सबसे बड़े निर्यातिक अमेरिका में कपास के उत्पादन में 361% की कटौती करके 176 मिलियन बेल कर दिया गया है।
ग्वारसीड वायदा (फवरी) की कीमतों में कल 0.6% की गिरावट हुई है। कीमतों के 6,250-6,440 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में कम उत्पादन, कई वर्षों में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष दर वर्ष 63% अधिक हैं। नवम्बर में ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 33% बढ़कर 24.150 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-नवम्बर) में निर्यात वर्ष दर वर्ष 44.4% बढ़कर 2.09 लाख टन हो गया।
कैस्टरसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुई है और अब कीमतें 6,420-6,580 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। 2022 में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और वर्ष दर वर्ष 46% अधिक है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान में अरंडी के उत्पादन को लाख टन बढ़कर 1,302 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पिछले तीन महीनों के दौरान अरंडी के तेल का निर्यात कम हुआ है। सितंबर-नवंबर के दौरान निर्यात पिछले साल के 1.65 लाख टन की तुलना में 16% घटकर 1.39 लाख टन रह गया। इसी तरह (अगस्त-दिसंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 1,656 रुपये की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 31 जनवरी 2022)
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