सर्राफा की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सोने की कीमतों को 48,200 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 47,400 रुपये पर सहारा रह सकता है।
चांदी में निचले स्तर पर बिकवाली होने की संभावना है और कीमतों को 65,400 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 64,400 रुपये पर सहारा रह सकता है। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट और डॉलर के कमजोर होने के कारण सुरक्षित निवेश के लिए माँग में बढ़ोतरी होने से आज सोने की कीमतें लगातार तीसरी साप्ताहिक बढ़त की ओर अग्रसर है। बेंचमार्क 10-वर्षीय यू.एस. ट्रेजरी की यील्ड सितंबर की शुरुआत के बाद से अपनी सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट की ओर अग्रसर है, जिससे गैर यील्ड वाले बुलियन को रखने की अवसर लागत कम हो गयी। अमेरिकी डॉलर भी तीसरी साप्ताहिक गिरावट की ओर अग्रसर था। कमजोर डॉलर सोने को अन्य मुद्रायें रखने वाले खरीदारों के लिए अधिक आकर्षक बनाता है।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड ने गुरुवार को उच्च मुद्रास्फीति को स्वीकार किया, लेकिन बाजार के इस अनुमान को अनदेखा कर दिया कि मूल्य दबाव के कारण अगले साल ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है। कारोबारियों को अब 3 नवंबर को होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व नीति की बैठक का इंतजार है। गुरुवार के आँकड़ों से पता चलता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था तिसरी तिमाही में एक साल से अधिक समय में अपनी सबसे धीमी गति से बढ़ी है। रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण में विश्लेषकों ने इस साल और अगले साल के लिए अपने सोने की कीमतों के पूर्वानुमान में कटौती की है। (शेयर मंथन, 29 अक्टूबर 2021)
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