कच्चे तेल में निचले स्तर पर खरीदारी होने की संभावना हैं और कीमतों को 4,870 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 4,790 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
उत्तरी गोलार्ध के ग्रीष्मकालीन ड्राइविंग सीजन को लेकर बढ़ती माँग और कोरोना वायरस को लेकर प्रतिबंधें को हटाये जाने के कारण कल तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार को अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान (एपीआई) के अनुसार, 21 मई को समाप्त में कच्चे तेल के भंडार में 4,39,000 बैरल की गिरावट हुई। सत्र के दौरान, अमेरिकी डॉलर में गिरावट से भी कच्चे तेल की कीमतों को को मदद मिल रही है। यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में कोविड -19 संक्रमण और मौतों में कमी दर्ज की जा रही हैं, जिससे सरकारों को प्रतिबंधें में ढील देने के लिए मदद मिल सकती है। हालाँकि, भारत जैसे क्षेत्रों में - दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक - संक्रमण दर उच्च बनी हुई है। संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता इस सप्ताह वियना में पिफर से शुरू होने वाली है। ईरान और संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निरीक्षक हाल ही में समाप्त हुये निगरानी समझौते को एक महीने के लिए बढ़ा रहे हैं, जिससे दोनों पक्ष 2015 के ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने पर व्यापक बातचीत कर सकते है।
नेचुरल गैस की कीमतों तेजी के रुझान के साथ कारोबार रहने की संभावना है और कीमतों को 214 रुपये के स्तर पर सहारा और 220 के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 26 मई 2021)