कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 6,520-6,630 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
महामारी के बाद तेल की माँग में तेजी से रिकवरी, कम आपूर्ति के साथ-साथ पूर्वी यूरोप और मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनावों के बीच, पिछले सत्र में 7 साल के उच्च स्तर पर पहुँचने के बाद आज भी तेल की कीमतें बढ़त के साथ कारोबार कर रही है। वैश्विक स्तर पर आपूर्ति की कमी को लेकर चिंता के साथ-साथ चल रहे भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण, इस सप्ताह की शुरुआत तेजी के साथ हुई है। जनवरी में बेंचमार्क कीमतों में लगभग 17% की वृद्धि हुई है, जो फरवरी 2021 के बाद से सबसे बड़ी मासिक बढ़त है। बाजार विश्लेषकों और रॉयटर्स के सूत्रों ने अनुमान लगाया है कि ओपेक प्लस बुधवार को होने वाली बैठक में उत्पादन में क्रमिक वृद्धि की अपनी नीति को बनाये रखेगा। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के प्रमुख उत्पादकों और रूस के नेतृत्व वाले सहयोगियों, जिन्हें सामूहिक रूप से ओपेक प्लस के रूप में जाना जाता है, ने अगस्त के बाद से हर महीने अपने उत्पादन लक्ष्य को 4,00,000 बैरल प्रति दिन बढ़ा दिया है। रूस और पश्चिम देशों के बीच के बीच तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमतों को मदद मिली। रूस, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक, और पश्चिम यूक्रेन को लेकर आमने-सामने हैं, इस कारण यूरोप को ऊर्जा आपूर्ति बाधित हो सकती है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है और कीमतों को 358 रुपये के स्तर पर सहारा और 372 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। अमेरिका के पूर्व में भीषण सर्दी के तूफान के बाद और उत्पादन में कमी की आशंकाओं को के कारण नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में उछाल दर्ज की गयी। (शेयर मंथन, 01 फरवरी 2022)