कच्चे तेल की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 8,570-8,720 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
आज तेल की कीमतों में लगभग 1 डॉलर की गिरावट आई क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका और सहयोगियों ने अपने भंडारण से बाजारों में अधिक तेल जारी करने पर विचार किया और कारोबारियों को बेंचमार्क ब्रेंट वायदा में कारोबार करने के लिए उच्च लागत का सामना करना पड़ा। कीमतों में गिरावट के बावजूद, दोनों कॉन्टैंक्ट तीन हफ्तों में पहली साप्ताहिक बढ़त की ओर अगसर हैं। दुनिया के कच्चे तेल के दूसरे सबसे बड़े निर्यातक रूस पर प्रतिबंधें के कारण आपूर्ति की कमी की व्यापक आशंकाओं से ब्रेंट तेल की कीमतें 10% की छलांग और डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल की कीमतें 7% की वृद्धि दर्ज की गयी है। तूफान से हुये नुकसान के बाद कजाकिस्तान के कैस्पियन पाइपलाइन कंसोर्टियम (सीपीसी) टर्मिनल से कच्चे तेल का निर्यात पूरी तरह से बंद होने की खबरों के बाद आपूर्ति की चिंता बढ़ गयी। कजाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि सीपीसी एक महीने के भीतर कच्चे तेल की शिपिंग फिर से शुरू कर देगा, लेकिन उसने कहा कि वह कैस्पियन सागर में टैंकरों और रूस के समारा और चीन जाने वाली पाइपलाइनों की ओर कुछ तेल फिर से भेज सकता है। इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज ने ब्रेंट वायदा में कारोबार करने के लिए मार्जिन दरों में 19% की वृद्धि की है जिससे कारोबार की लागत बढ़ गयी है। यह इस साल में तीसरी वृद्धि है। अमेरिकी ऊर्जा सचिव जेनिपफर ग्रानहोम ने गुरुवार को कहा कि कीमतों को कम करने में मदद करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगी समन्वित रूप से भंडारण से तेल जारी करने पर चर्चा कर रहे है।
नेचुरल गैस में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है और कीमतों को 394 रुपये के स्तर पर सहारा और 420 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 25 मार्च 2022)