कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों के 16,250-16,500 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में तेजी के रुझानों पर कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों के 16,550-16,600 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार से नकारात्मक संकेत लेते हुये कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतें 21,700-21,500 रुपये तक लुढ़क सकती है।
कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 20,130-20,330 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं।
कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 20,520 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ रिकवरी की जा सकती हैं।
कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों के 16,250-16,450 रुपये के दायरे में मजबूत होने की उम्मीद है।
कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों में 16,800 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 19,990-20,150 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है क्योंकि हाजिर बाजारों में आपूर्ति तेज होने लगी है।
कॉटन वायदा (नवम्बर) की कीमतों को 19,930 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है।
कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतें 21,800-22,200 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिर कीमतें और उच्च घरेलू निर्यात की अधिक संभावना से काउंटर को मदद मिल रहा हैं।
अधिक निर्यात की संभावना से कॉटन वायदा (जून) की कीमतों के तेजी के रुख के साथ 22,900-23,000 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है।
कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतें कल स्थिर रही। नये सीजन कपास की अच्छी माँग के कारण कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 25,400-25,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
एमसीएक्स पर कॉटन वायदा (जून) की कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतें 24,000-24,500 रुपये के उच्च स्तर पर पहुँच सकती हैं।
फसल कटाई के मौसम में बारिश के कारण कपास उत्पादन के नुकसान की आशंका और अमेरिकी कपास की कीमतों के 10 वर्षो के उच्च स्तर पर पहुँचने के कारण कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 2% की उछाल दर्ज गयी है।
कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों के 22,100-22,350 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें शुक्रवार को मामूली बढ़त के साथ बंद हुई। अब कीमतों के 25,800 रुपये के सहारा के साथ 26,500 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!