अधिक निर्यात की संभावना से कॉटन वायदा (जून) की कीमतों के तेजी के रुख के साथ 22,900-23,000 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है।
हाजिर बाजारों में, कपास की कीमतें बढ़ रही हैं क्योंकि दैनिक आवक बंद हो गयी है, क्योंकि किसानों और स्टॉकिस्टों के पास स्टॉक काफी कम है जो अपना स्टॉक बाजार में लाना नहीं चाहते है। इस बीच, मिल मालिक और निर्यातक अगले दो-तीन महीनों के लिए अपनी आपूर्ति बहाल करने की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि नयी फसल तीन महीने से अधिक दूर है। शीर्ष उत्पादक वेस्ट टेक्सास क्षेत्र में बारिश के कारण आईसीई में कॉटन वायदा कीमतों में गिरावट हुई है। डॉलर के मजबूत होने से भी कपास की कीमतों पर दबाव पड़ा है। अमेरिकी कृषि विभाग गुरुवार को साप्ताहिक निर्यात बिक्री का आँकड़ा जारी करने वाला है।
ग्वारसीड वायदा (जून) की कीमतों में 4,140 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतों के 6,340 रुपये तक लुढ़कने की संभावना है। माँग-आपूर्ति बैलेंस शीट से पता चलता है कि 2020-21 में ग्वारगम का शुरुआती स्टॉक 4.3 लाख मीटिंक टन है, उत्पादन 8 लाख मीटिंक टन है, जिससे 8.3 लाख मीटिंक टन की माँग के मुकाबले कुल आपूर्ति 12.3 लाख मीटिंक टन है। 2019-20 में 4 लाख मीटिंक टन की तुलना में कैरीओवर स्टॉक का अनुमान 4.3 लाख मीटिंक टन है।
चना वायदा (जून) में बिकवाली होने की संभावना है और कीमतों में 5,255 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 5,100-5,050 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2020-21 के दौरान कुल दलहन उत्पादन 25.58 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले पाँच वर्षों के 21.93 मिलियन टन के औसत उत्पादन से 3.64 मिलियन टन अधिक है। हाजिर बाजारों में, थोक खरीदारों की ओर से कमजोर माँग के कारण सेंटीमेंट कमजोर है क्योंकि सरकार ने हाजिर बाजारों में व्यापारियों, स्टॉकिस्टों और मिल मालिकों के पास उपलब्ध स्टॉक का सर्वेक्षण करना शुरू कर दिया है। (शेयर मंथन, 27 मई 2021)
Add comment