निचले स्तर पर खरीदारी के कारण हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल 0.5% की बढ़त दर्ज की गयी है।
2 महीने तक सीमित दायरे में कारोबार के बाद कल नयी खरीदारी के कारण हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल 6% की उछाल दर्ज की गयी है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण हल्दी वायदा (सितंबर) कीमतों में कल 5% की गिरावट हुई है।
हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के 6,350-6,450 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है और हाजिर बाजारों से कमजोर रुझानों के कारण कीमतों पर दबाव रह सकता है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों 7,370-7,565 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (नवंबर) की वायदा कीमतों में लगातार दूसरे सप्ताह दबाव रहा और कीमतों के 7,450 रुपये पर अड़चन के साथ 6,680 रुपये के स्तर तक नीचे पहुँचने की संभावना है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,700 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 5,825 रुपये के पास बाधा का सामना कर रही है और 5,700-5,650 रुपये के स्तर तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 5,830 रुपये के पास रुकावट का सामना कर रही है और 5,600-5,500 रुपये के स्तर तक गिरावट होने की संभावना है।
हाजिर बाजारों से नकारात्मक संकेत के कारण हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों में 5,700 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों में 5,900 रुपये के पास बाधा के साथ 5,600-5,500 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों के 5,820-5,900 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 5,800 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 5,650-5,600 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना हैं।
अधिक उत्पादन अनुमान और नयी फसल के आवक दबाव के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान पर हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 6,300 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 5,750-5,900 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 6,550 रुपये तक लुढ़कने की संभावना है।
Page 152 of 164
यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!