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हल्दी में गिरावट और जीरे में मंदी के संकेत - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 5,830 रुपये के पास रुकावट का सामना कर रही है और 5,600-5,500 रुपये के स्तर तक गिरावट होने की संभावना है।

प्रमुख मंडियों में सुस्त माँग के बीच हल्दी की हाजिर कीमतें घट रही हैं। मध्यम गुणवत्ता वाली हल्दी की आवक के कारण खरीदारों ने कीमतों में कमी की। कारोबारी अपने स्थानीय ऑर्डर को पूरा करने के लिए खरीदारी कर रहे हैं और थोक बिक्री के ऑर्डर की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इरोड हल्दी मर्चेंट एसोसिएशन बिक्री यार्ड में, फिंगर वेराइटी की कीमतें 5,229-6,225 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की कीमतें 4,811-5,629 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में रही। रेगुलेटेड मार्केटिंग कमेटी में, फिंगर वेराइटी की कीमतें 4,910-5,839 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की कीमतें 4,590-5,799 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में रही।
जीरा वायदा (अक्टूबर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 13,200-13,100 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। बाजारों में पर्याप्त आपूर्ति के मुकाबले थोक खरीदारों की माँग धीमी होने के कारण हाजिर बाजारों कीमतों में नरमी का रुझान है। रफ जीरा और बेस्ट क्वालिटी जीरे की कीमत क्रमशः 2,115-2,215 रुपये और 2,465-2,515 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही। एनसीडीईएक्स की गुणवत्ता वाली जीरे की कीमतें 2,315-2,365 रुपये प्रति 20 किलोग्राम और बॉम्बे बोल्ड की कीमतें 2,615-2,665 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही। यूरोप और सिंगापुर की गुणवत्ता वाली जीरे की कीमत क्रमशः 2,380-2,480 रुपये और 2,280-2,425 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही।
धनिया वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 6,400-6,700 रुपये के दायरे में स्थिर कारोबार कर सकती है। राजस्थान की मंडियों में कम आवक के कारण धनिया की हाजिर कीमतें बढ़ गयी है जबकि राजकोट और गोंडल मंडियों में कीमतें स्थिर रही। लेकिन कृषि कमोडिटीज की खरीद में मंडी शुल्क में कमी की माँग को लेकर 24 सितंबर से शुरू होने वाली व्यापारियों की हड़ताल के कारण मध्य प्रदेश की मंडियां बंद थीं। रामगंज में ईगल और बादामी किस्मों की कीमत क्रमशः 5,800-6,000 रुपये और 5,600-5,700 रुपये प्रति क्विंटल थी। (शेयर मंथन, 28 सितंबर 2020)

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