हाजिर बाजारों में तेजी के रुझानों पर कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतों के 16,700-16,800 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की उम्मीद है।
कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 17,650-17,850 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है।
कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों में 20,200-20,300 रुपये तक तेजी दर्ज करने की संभावना है।
कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 20,400-21,000 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
एमसीएक्स पर कॉटन वायदा (जून) की कीमतों की तेजी पर रोक लग सकती है और कीमतों को 24,500 रुपये के पास अड़चन की सामना करना पड़ सकता है।
इस महीने, एमसीएक्स पर कॉटन वायदा की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर 24,470 रुपये पर पहुँच गया, जिससे कीमतों में 21,150 रुपये के निचले स्तर से 21% की वृद्धि हुई।
विदेशी बाजारों में कपास की कीमतों में तेजी के कारण कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतें कल 0.2% बढ़ गयी है।
कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें कल मामूली गिरावट के साथ बंद हुई। बाजार को नये सीजन कपास में अच्छी माँग की उम्मीद है।
कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें कल स्थिर भाव पर बंद हुई। अब कीमतों के 26,000-26,400 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार की संभावना है।
उच्च स्तर पर बिकवाली के कारण कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 1.85% की गिरावट दर्ज गयी है।
कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 2.5% गिरावट दर्ज गयी है। साफ मौसम के कारण आवक बढ़ने कीमतों पर दबाव पड़ा है।
कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतें कल तेजी के बाद सपाट बंद हुई क्योंकि नये सीजन की फसल की आवक हो रही है।
कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों पर पिछले सप्ताह दबाव देखा गया क्योंकि नये सीजन की फसल की आवक हो रही है। कपास उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण उत्पादन में कमी की खबरों से कीमतें अभी भी अधिक बनी हुई हैं।
कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतें फिलहाल अब तक के उच्चतम स्तर 31,400 रुपये के करीब कारोबार कर रही हैं। अब कीमतों के 32,000 रुपये के स्तर तक सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है।
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सितंबर 2024 से मार्च 2025 तक निफ्टी 50 में 16.4%, निफ्टी मिडकैप 100 में 23.1% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 27% की गिरावट दर्ज हुई है। क्या इस गिरावट ने बाजार में ‘सेल’ वाली स्थिति ला दी है?
निवेश मंथन के फरवरी 2025 अंक की आमुख कथा यह बता रही है कि सालाना 12 लाख रुपये से ऊपर भी आपकी आय करमुक्त कैसे रह सकती है। जी हाँ, 12 लाख तक ही नहीं, इससे अधिक कमाई पर भी संभव है शून्य आय कर।