कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतें कल तेजी के बाद सपाट बंद हुई क्योंकि नये सीजन की फसल की आवक हो रही है।
कपास उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण उत्पादन में कमी की खबरों से कीमतें अभी भी अधिक बनी हुई हैं। अब कीमतें 30,300 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 29,900-31,350 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। सीसीआई ने सोमवार को कपास की बिक्री की दरों में 1,000 रुपये प्रति कैंडी की वृद्धि की। पिछले हफ्ते निगम ने अपनी दरों में 600 रुपये प्रति कैंडी की बढ़ोतरी की थी। इसके अलावा, अधिकांश प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश के कारण कपास की फसल को नुकसान होने का डर है।
कम उत्पादन और अधिक माँग की संभावना से ग्वारसीड वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल 6% की छलांग दर्ज की गयी। अब कीमतें 6,200-6,700 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है जबकि सहारा 6,280 रुपये के स्तर पर है। वर्तमान में, कम क्षेत्र और लगातार निर्यात माँग के कारण कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% अधिक हैं। चालू सीजन में राजस्थान में ग्वारगम का रकबा पिछले साल की तुलना में लगभग 4 लाख हेक्टेयर कम होकर 21 लाख हेक्टेयर रह गया है। यह लगातार चौथे साल कम उत्पादन क्षेत्र है। अमेरिकी रिगों में बढ़ोतरी के कारण आने वाले हफ्तों में ग्वारगम के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है।
नयी खरीदारी के कारण अरंडी सीड (नवंबर) की कीमतें 2.5% की बढ़त के साथ बंद हुई है। कीमतों के 6,350 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 6,700 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। अरंडी तेल और अरंडीमील की लगातार निर्यात माँग ने इस सीजन में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 6 महीनों में अरंडी मील का निर्यात पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 16% अधिक हुआ है, जबकि जुलाई-अगस्त 2021 के लिए अरंडी तेल निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में कम था, लेकिन अप्रैल-अगस्त की अवधि में अधिक है। (शेयर मंथन, 19 अक्टूबर 2021)
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