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कॉटन की कीमतों 26,000-26,400 रुपये के सीमित दायरे में कारोबार की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (अगस्त) की कीमतें कल स्थिर भाव पर बंद हुई। अब कीमतों के 26,000-26,400 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार की संभावना है।

बाजार मिलों की ओर से माँगों पर अपडेट की तलाश में है क्योंकि पहले ही उत्पादन अनुमानों और आने वाले सीजन के लिए मौसम के जोखिम का असर समाप्त हो गया हैं। विशेष रूप से चीन के लिए कमजोर निर्यात आँकड़ों पर अमेरिकी कपास का कारोबार हुआ। कताई मिलों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) द्वारा सीमित खरीद के कारण पिछले सप्ताह गुजरात के बाजारों में कपास की कीमतें स्थिर रही, जबकि दैनिक आवक में वृद्धि दर्ज की गयी। वर्तमान में, कपास की बुवाई का क्षेत्र कम है, लेकिन सभी राज्यों में फसल की स्थिति अच्छी है और पिछले कुछ वर्षों में सबसे कम कैरीओवर स्टॉक के साथ उत्पादन 360 लाख गांठ होने की उम्मीद है।
ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतों में कल 6% की गिरावट दर्ज की गयी लेकिन कीमतों में गिरावट होने की उम्मीद है और कीमतों के 5,750-6,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। फीड सेक्टर से माँग बढ़ने और किसानों के पास स्टॉक कम होने से बढ़ोतरी की उम्मीद है। पशुओं के चारे के लिए इसके डेरिवेटिव चुरी और कोरमा के लिए ग्वारसीड की माँग बढ़ रही है क्योंकि अन्य चारा विकल्प की कीमतें अधिक हैं। अनियमित और कम बारिश के कारण ग्वारसीड का रकबा सरकार के 24 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य से कम रहने की उम्मीद है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण अरंडी (सितंबर) वायदा की कीमतें कल 4% की गिरावट के साथ बंद हुई हैं। अब कीमतों में 6,200 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 5,900 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है। जून के महीने में अरंडी के तेल का निर्यात एक महीने की तुलना में बढ़कर अब तक के उच्चतम स्तर 81,750 रुपये टन पर पहुँच गया है। 2021 के पहले 6 महीने में, भारत पिछले साल के 3 लाख टन की तुलना में 3.6 लाख टन अरंडी के तेल का निर्यात किया है। 23 अगस्त तक पूरे भारत में अरंडी का बुवाई क्षेत्र पिछले साल के 3.80 लाख हेक्टेयर की तुलना में 3.79 लाख हेक्टेयर रह गया है। (शेयर मंथन, 27 अगस्त 2021)

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