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बृजेश आइल : महँगाई और वैश्विक मंदी से इस साल रहेगा उतार-चढ़ाव

बृजेश आइल
टेक्निकल एवं डेरिवेटिव प्रमुख, आईडीबीआई केपिटल मार्केट्स
हमने मुनाफे वाले सात साल देखे हैं, इसलिए सूचकांक (इंडेक्स) का बेहतर प्रदर्शन शायद इस साल न हो। हमें अभी चुनिंदा शेयरों और क्षेत्रों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि भारतीय शेयर बाजार के लिए साल 2023 अनुमान से ज्यादा उतार-चढ़ाव वाला हो सकता है।

भारतीय शेयर बाजार के नजरिये से सबसे सकारात्मक बातें हैं चीन+1 और यूरोप+1, सरकार का मेक इन इंडिया के साथ बुनियादी ढाँचा क्षेत्र पर जोर और ब्याज दरों का रुझान पलटना। वहीं बाजार के लिए सबसे अधिक चिंता का सबब बन सकते हैं महँगाई और वैश्विक मंदी।
मेरे हिसाब से सेंसेक्स जून 2023 तक 64,000 के स्तर के आसपास होना चाहिए। निफ्टी इन छह महीनों में 19,000 के आस-पास हो सकता है। अगर अगले 12 महीनों में यानी दिसंबर 2023 तक भी मैं सेंसेक्स को 64,000 और निफ्टी को 19,000 के आस-पास ही देख रहा हूँ।
अगले छह महीनों के दौरान भारतीय बाजार को महँगाई और ब्याज दर सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले कारक होंगे। जो वैश्विक कारक अगले छह महीनों में भारतीय बाजार को सर्वाधिक प्रभावित करेंगे, उनमें अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से महँगाई पर काबू पाने के लिए की जा रही ब्याज दरों में वृद्धि सबसे प्रमुख है। अगले 12 महीनों के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से ब्याज दरों में कुल वृद्धि 25 से 35 आधार अंक (बेसिस प्वाइंट) की हो सकती है।
अगले 12 महीनों में बैंकिंग और खास कर निजी बैंक, ऑटो, जीवन बीमा (लाइफ इंश्योरेंस) और रक्षा क्षेत्र बाजार से बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इस साल आईटी, तेल-गैस और धातु (मेटल) क्षेत्रों का प्रदर्शन बाजार से कमजोर रहने के आसार हैं। इस साल के लिए मेरे पाँच सबसे पसंदीदा शेयर महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, ब्लू डार्ट, फेडरल बैंक, भारत फोर्ज और एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस हैं।
स्पष्टीकरण : इन शेयरों में विश्लेषक या उनके ग्राहकों के हित हो सकते हैं।
(शेयर मंथन, 27 जनवरी 2023)

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