भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक उतार-चढ़ाव के बाद आज बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहे।
जनवरी 2008 के बाद पहली बार सेंसेक्स 20,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर चला गया। निफ्टी (Nifty) ने भी 6,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर लिया। आज के कारोबार में आईटी और टीईसीके क्षेत्र में सबसे ज्यादा खरीदारी का रुख रहा।
बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 95 अंक यानी 0.48% की बढ़त के साथ 20,001 पर रहा। निफ्टी 29 अंक यानी 0.48% की मजबूती के साथ 6,009 पर बंद हुआ। एनएसई के मँझोले सूचकांक सीएनएक्स मिडकैप में 0.81% की कमजोरी रही। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 0.98% और बीएसई स्मॉलकैप में 1.34% की गिरावट रही।
एशियाई शेयर बाजारों से मिले मजबूत संकेतों के बीच आज सुबह भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों की शुरुआत बढ़त के साथ हुई। बाजार खुलते ही सेंसेक्स 20,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर चला गया। निफ्टी ने भी 6,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर लिया। कारोबार के पहले घंटे में सेंसेक्स 20,089 और निफ्टी 6,033 तक चढ़ गये। लेकिन कारोबार के दूसरे घंटे में बाजार की तेजी में कमी आयी। सेंसेक्स 20,000 और निफ्टी 6,000 के स्तर से नीचे चले गये। दूसरे घंटे में ही सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान पर चले गये। सेंसेक्स 19,860 और निफ्टी 5,962 तक नीचे चले गये। हालाँकि सेंसेक्स-निफ्टी एक बार फिर से हरे निशान पर चले गये। कारोबार के तीसरे घंटे में निफ्टी ने 6,000 के स्तर को फिर से पार कर लिया। लेकिन यह कुछ ही देर इस स्तर से फिसल गया। दोपहर करीब 12:15 के आसपास सेंसेक्स 20,000 और निफ्टी 6,000 के स्तर के ऊपर चले गये। लेकिन यह एक बाद फिर से यह दोनों इन स्तरों से नीचे फिसल गये। यूरोपीय शेयर बाजारों से मिल रहे सकारात्मक संकेतों के बीच दोपहर बाद के कारोबार में बाजार में बढ़त कायम रही। कारोबार के आखिरी घंटे में सेंसेक्स 20,000 और निफ्टी 6,000 के स्तर के ऊपर चले गये। आखिरकार यह दोनों सूचकांक इन स्तरों के ऊपर बंद होने में सफल रहे।
क्षेत्रों के लिहाज से आज आईटी सूचकांक में सबसे ज्यादा 2.43% मजबूती रही। टीईसीके को 1.62%, कैपिटल गुड्स को 1.12% और हेल्थकेयर को 1.05% का फायदा हुआ। पावर में 0.44% और ऑटो में 0.11% की बढ़त रही। दूसरी ओर, एफएमसीजी को 1.34%, रियल्टी को 1.30% और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को 0.67% का घाटा सहना पड़ा। धातु में 0.57%, तेल-गैस में 0.47%, पीएसयू में 0.26% और बैंकिंग में 0.06% की कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 21 सितंबर 2010)
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