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केवल जबरदस्त वापसी बचा सकती है शेयर बाजार को

राजीव रंजन झा : इस साल की शुरुआत में बाजार में ज्यादातर लोगों की यह राय बनी थी कि इस साल की पहली छमाही बाजार के लिए बेहतर रहेगी और शायद बजट आते-आते बाजार नयी ऐतिहासिक ऊँचाई को भी छू ले।
लोग यह मान कर चल रहे थे कि साल की पहली छमाही में ही अपना शिखर बनाने के बाद बाजार नीचे फिसलेगा। लेकिन बाजार की चाल हमेशा कुछ अलग ही, कुछ निराली होती है। बजट अब हमारे सामने है और बाजार नया शिखर बनाने के बदले एकदम से टूटता नजर आ रहा है। 
हालाँकि मैंने साल की शुरुआत में ही 1 जनवरी की सुबह लिखा था कि यह साल अनुमानों से कहीं ज्यादा उतार-चढ़ाव भरा रहने वाला है। उस लेख में मैंने इस साल के दौरान तेजी और मंदी दोनों तरह की संभावनाओं को टटोला था। मैंने मजबूती के सूत्रों को पकड़ते हुए लिखा था कि "निफ्टी 6000 के ऊपर मजबूती से टिकने पर 6150 और 6350 के आसपास जाने की उम्मीद रखें।" इनमें से निफ्टी केवल पहले लक्ष्य के पास ही जा सका, और वह भी ठीक से नहीं। 
दूसरी ओर कमजोरी के सूत्रों की पहचान करते हुए मैंने लिखा था कि "अगर निफ्टी 5965 को पार किये बिना, या इसके ऊपर जाने के बाद भी 6000 के आसपास अटकने के बाद 50 एसएमए के नीचे फिसले तो इसे बाजार की चाल टूटने का साफ संकेत मानें। अगर 50 एसएमए टूट जाये तो 5648 के आसपास सहारा मिलने कुछ उम्मीद रखें, लेकिन अगर यह भी टूट जाये तो करीब 5400 तक की गिरावट की संभावना लेकर चलें।"
निफ्टी 7 फरवरी 2013 को 50 एसएमए यानी सिंपल मूविंग एवरेज को काट कर नीचे आ गया। तब 50 एसएमए 5958 पर था। इसके बाद से निफ्टी लगातार 50 एसएमए के नीचे चल रहा है और तब से लगातार फिसलता ही रहा है। एक उम्मीद यह थी कि शायद निफ्टी 50 एसएमए के नीचे फिसलने के बाद सीधे 200 एसएमए (अभी 5538) तक फिसलने के बदले 100 एसएमए पर सहारा ले ले। लेकिन कल मंगलवार के कारोबार में निफ्टी ने 100 एसएमए को भी बुरी तरह तोड़ दिया। ऐसे में यह मानना स्वाभाविक होगा कि निफ्टी 200 एसएमए की ओर फिसलने की तैयारी में है। 
लेकिन बाजार कब सामने स्पष्ट दिख रही चीजों के बदले कुछ अलग करने लगे, यह पता नहीं होता। यहाँ से वापसी की संभावना वाले कुछ संकेतों का भी ध्यान रखें। पहली बात, निफ्टी की नवंबर 2012 की तलहटी 5548 से जनवरी 2013 के शिखर 6112 की 50% वापसी का स्तर 5830 टूटने के बाद कल यह सीधे 61.8% वापसी के स्तर 5763 की ओर बढ़ा, इसके कुछ नीचे जाने के बाद लगभग वहीं 5761 पर बंद हुआ। किसी भी वापसी में 61.8% का स्तर अच्छे समर्थन या बाधा का काम करता है। इसलिए बुधवार को अगर बाजार एक वापस उछाल (पुल बैक) लेने की कोशिश करे तो इसमें आश्चर्य नहीं होगा। मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजार कुछ सँभला है, लिहाजा इस बात से भी भारतीय बाजार को कुछ सहारा मिलेगा। 
अगर यह वापस उछाल आती है, तो हमें इसके दमखम पर नजर रखनी होगी। अगर छोटी अवधि के लिहाज से देखें तो 10 एसएमए (अभी 5882) के ऊपर लौटे बिना वापस ऊपर का रुझान नहीं बनेगा। बाजार के वापस सँभलने की कुछ खास शर्तों को देखें, तो पहली बात यह है कि निफ्टी कल मंगलवार के निचले स्तर 5749 से नीचे न जाये। घंटेवार चार्ट पर पिछला शिखर 5793 पर दिख रहा है। इसके पार होने पर एकदिनी या 2-4 दिनों के लिहाज से वापस उछाल की उम्मीद बनेगी। घंटेवार चार्ट पर ही 10 एसएमए 5817 और 20 एसएमए 5835 पर हैं, जो इस वापस उछाल में अगले स्वाभाविक लक्ष्य बन सकते हैं और बाधा का काम भी कर सकते हैं। 
अगर केवल मंगलवार के एकदिनी कारोबार की बात करें तो वापस उछाल की स्थिति में 5792 (50 एसएमए) और 5835 (200 एसएमए) के स्तरों का ध्यान रखें। 
ध्यान रखें कि 5830 पर 5548-6112 की उछाल की वापसी में 50% का स्तर है। इस तरह 5830-5835 के स्तर एकदिनी कारोबार, बेहद छोटी अवधि के कारोबार और छोटी अवधि के कारोबार, तीनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके ऊपर लौटने पर छोटी अवधि के लिए स्थिति बेहतर होने की उम्मीद जगेगी। लेकिन जैसा मैंने ऊपर लिखा, 10 एसएमए पार होने के बाद ही रुझान बदलने का पहला संकेत मिलेगा। इसके बाद 20 एसएमए (अभी 5924) भी अगर पार हो सके, तो रुझान बदलने की बात ज्यादा पुख्ता होगी। आखिरकार अगर दैनिक चार्ट पर सबसे नजदीकी शिखर 5970 और मोटे तौर पर 6000 पार हो, तभी बाजार संकट से बाहर निकलेगा। ऐसा होने का मतलब वापस 50 एसएमए के भी ऊपर लौट आना होगा, जिससे तकनीकी संकट टलेगा। 
लेकिन फिलहाल अगर आप मुझसे बाजार की मोटी दिशा पूछें, तो यह नीचे की ही लग रही है। निफ्टी ने 50 एसएमए के काटा और उसके बाद लगातार कमजोरी दिखा रहा है। ऐसे में 200 एसएमए यानी लगभग 5550 को छूना इसका अगला स्वाभाविक कदम होगा, खास तौर पर इसलिए कि ठीक 100 एसएमए पर एक-दो दिन सहारा लेने के बाद जब निफ्टी ने इसे काटा तो बुरी तरह से टूटा है। 
बाजार को इस कमजोरी से केवल अंग्रेजी के वी आकार जैसी कोई उछाल ही मुक्ति दिला सकती है। एक दायरे में थोड़ा रुक जाने से बाजार अपनी इस कमजोरी से छुटकारा नहीं पा सकेगा। तो क्या चिदंबरम का बजट ऐसी उछाल दिला सकेगा? क्या अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों की चिंताएँ घटने से ऐसी उछाल मिल सकेगी? यह हफ्ता पूरा होते-होते हमें इन सवालों के जवाब मिल जायेंगे। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 27 फरवरी 2013)

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