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आज दारोमदार आरबीआई (RBI) पर, नजर साइप्रस (Cyprus) पर

राजीव रंजन झा : आज तो जाहिर है कि भारतीय शेयर बाजार में सबकी नजर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फैसले पर टिकी रहेगी और यहाँ की उठापटक में इसका योगदान ही सबसे बड़ा होगा। 
लेकिन हाल के तकनीकी संकेतों से बाजार के मिजाज को भी भांपना जरूरी है और साथ ही वैश्विक संकेतों से भी नजर नहीं हटायी जा सकती। साइप्रस (Cyprus) से आने वाली खबरों का असर केवल इस भूमध्यसागरीय द्वीप में बसे देश तक सीमित रहे तो गनीमत होगी। लेकिन यह असर पूरे यूरोप में फैल जाने की आशंका वैश्विक बाजारों को डरा रही है। बड़ा डर यह है कि कहीं पूरे यूरोप में लोग बैंकों में जमा पैसे को असुरक्षित मान कर अपनी रकम निकालने लगे और ऐसी भगदड़ मच गयी तो क्या होगा? बहरहाल, वह बाद की बात है। 
आज अगर आरबीआई ने केवल रेपो दर में 0.25% अंक की कटौती की तो मुझे नहीं लगता कि बाजार पर कोई खास असर इस बात का होगा। इस उम्मीद की चर्चा तो बाजार में काफी समय से हो ही रही है। अगर रेपो दर में 0.25% कमी के साथ-साथ सीआरआर में भी कमी हो, तो जरूर इसका एक सकारात्मक असर हो सकता है। इस संभावना की चर्चा बाजार में जरूर है, लेकिन वह चर्चा वास्तविक उम्मीद के बदले मांग के रूप में ज्यादा है। वहीं अगर रेपो दर में 0.50% अंक की कमी आ गयी तो बाजार को एक नया उत्साह मिलेगा, जबकि अगर रेपो दर में कोई कटौती ही नहीं हुई, तो निराशा में बिकवाली का दौर शुरू हो सकता है। 
लेकिन यह बात गौरतलब है कि आरबीआई के इस महत्वपूर्ण फैसले से पहले बाजार नीचे गिरने की कोई हड़बड़ी नहीं दिखा रहा। पिछले हफ्ते कोबरापोस्ट की स्टिंग पर बाजार में ज्यादा घबराहट नहीं दिखी। अभी साइप्रस के संकट पर भी सोमवार को बाजार में कोई बड़ी गिरावट नहीं आयी। कल यूरोपीय बाजार कमजोर ही चले, इसके बावजूद भारतीय बाजार ज्यादा नहीं लुढ़का। इस बीच एफआईआई की खरीदारी भी जारी है। न तो बजट के बाद टीआरसी के झमेले के दौरान उनकी बिकवाली उभरी, न उसके बाद की किसी बुरी खबर पर। 
तकनीकी नजरिये से देखें तो 5664-5971 की सबसे ताजा उछाल की 50% वापसी 5818 पर है। कल का खुला स्तर 5817 पर और निचला स्तर 5814 का रहा, यानी इस 50% वापसी के आसपास ही। यह एक तरह से शेवेन बॉटम यानी सपाट पेंदे वाली कैंडल है, जिसमें खुले स्तर से ज्यादा नीचे भाव नहीं गिरता। बेशक कल बाजार कुछ नीचे गिरा, लेकिन बाजार शुरुआती गिरावट से सँभल कर बंद हुआ, जिससे दैनिक चार्ट पर हरी कैंडल बनी। उम्मीद कर सकते हैं कि अब वापस निफ्टी को 5815-5820 के आसपास अच्छा सहारा मिल सकता है। इसके नीचे 5780, 5763 जैसे स्तर अच्छा सहारा देंगे। 
लेकिन नकारात्मक पहलू यह है कि निफ्टी 10, 20 और 50 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) स्तरों के नीचे है। हाल में यह 50 एसएमए के ऊपर टिक नहीं पाया। कल यह 20 एसएमए के ऊपर गया, लेकिन टिका नहीं। बाजार सँभलने के लिए जरूरी है कि निफ्टी पहले 20 एसएमए और 10 एसएमए के ऊपर लौटे। निफ्टी का 20 एसएमए अभी 5842 पर है। इसके ऊपर 10 एसएमए 5874 पर और 50 एसएमए 5932 पर है। 
सेंसेक्स के चार्ट को देखें तो इसकी नवंबर 2012 की तलहटी 18256 से जनवरी के शिखर 20,204 तक की उछाल की 50% वापसी 19230 के पास है, जहाँ यह सहारा लेने की कोशिश कर रहा है। कल सेंसेक्स का निचला स्तर 19,232 पर रहा। पिछले हफ्ते गुरुवार 14 मार्च का निचला स्तर 19,179 भी इससे ज्यादा दूर नहीं है। वहीं इसके नीचे 61.8% वापसी ठीक 19,000 पर है, जो मनोवैज्ञानिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इसके नीचे जाने पर 4 मार्च 2013 यानी बजट के अगले दिन की तलहटी 18760 पर नजर रहेगी। 
आज 5842 यानी 20 एसएमए और फिर 5854 यानी 5664-5971 की 38.2% वापसी के ऊपर निकलना और टिकना मजबूती की पहली शर्त होगी। वैसी हालत में 10 एसएमए (5874) को छूने की उम्मीद रहेगी। अगर इस हफ्ते यह 10 एसएमए के भी ऊपर निकल कर लौट पाया, तो 50 एसएमए और 5971 पर अगली बाधाएँ होंगी, लेकिन इन बाधाओं के पार होने की उम्मीद ज्यादा होगी। 
इन सारे स्तरों में मेरी नजर 5781 पर ज्यादा होगी। इसके टूटने पर बाजार कमजोर होता दिखेगा। दूसरी ओर यह स्तर सुरक्षित बचे रहने पर इस बात की उम्मीद रहेगी कि निफ्टी आखिरकार जनवरी 2013 के शिखर यानी 6112 को छूने की ओर बढ़े। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 19 मार्च 2013)

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