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राजीव रंजन झा
सत्यम कंप्यूटर (Satyam Computer) से महिंद्रा सत्यम बन गयी कंपनी के निवेशकों का एक लंबा इंतजार पूरा होने वाला है और इस बात का उत्साह कंपनी के शेयर भावों में साफ झलक रहा है।
अपने गुनाहों के इकरार के बाद से जेल के बदले पाँच सितारा अस्पताल में समय गुजारने वाले बी रामलिंग राजू ने 07 जनवरी 2009 को अपने गुनाहों का एक इकरारनामा लिखा था। वैसे तो उस इकरारनामे से पहले ही सत्यम कंप्यूटर और मेटास को लेकर तमाम सवाल उठ चुके थे, लेकिन उस इकरारनामे के बाद सत्यम का झूठ का महल ढह गया। यहाँ तक कि वह इकरारनामा कितना सच कह रहा है, इस बात पर भी सवाल उठे और आज तक वे सवाल अनसुलझे हैं। उस समय से आज तक सत्यम कंप्यूटर के निवेशक एक तरह से अँधेरे में बैठे हैं। उन्हें पता नहीं है कि उनकी कंपनी कितना कमाती है, और उस पर कितना मुनाफा बनाती है। यहाँ तक कि आज भी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या औपचारिक रूप से उनके सामने नहीं है।
लेकिन अब इन निवेशकों का इंतजार पूरा होने वाला है। कंपनी लॉ बोर्ड की ओर से तय 30 सितंबर की समय-सीमा से एक दिन पहले कंपनी 29 सितंबर को अपने कारोबारी नतीजे सामने रखेगी। साथ में यह अपने पुराने आँकड़ों को भी सही करके बतायेगी, क्योंकि कंपनी के पिछले तमाम सालों के सारे आँकड़े अब फर्जी माने जा चुके हैं। मैंने हाल में 06 सितंबर की सुबह कुछ अनुमान आपके सामने रखे थे (देखें http://www.sharemanthan.in/index.php/rag-bazaari/8923-rajeev-ranjan-jha-column-20100906)। कर्मचारियों की संख्या और बाजार पूँजी का विश्लेषण करने से उस समय लग रहा था कि सत्यम और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के मूल्यांकनों में ज्यादा फर्क नहीं रह गया है। उस समय यह 91 रुपये के भाव पर था। वहाँ से इसने कल 23 सितंबर को 113.80 रुपये तक की बढ़त हासिल की, करीब 25% उछल गया। अभी इस बुधवार को एक ही दिन में यह करीब 15% उछला। अगर अगस्त 2010 के ही निचले स्तर 78.55 से तुलना करें तो इसने करीब 45% तक की बढ़त हासिल कर ली।
इतनी बढ़त के बाद क्या आपको लगता है कि इस थाली में आपके लिए लड्डू बाकी बचे हैं! याद रखें कि जब तक कंपनी के नतीजे सामने नहीं आ जाते, तब तक इसमें आपका कोई भी निवेश बस आँखों पर पट्टी बाँध कर किया गया सट्टा होगा। निवेश तो पुख्ता जानकारी पाने और उनका विश्लेषण करने के बाद ही होता है। इसलिए अगर निवेश करना है तो आपको इंतजार करना ही होगा। सट्टा खेलना चाहते हैं तो आपकी मर्जी, इस सट्टे में आप कमा भी सकते हैं, गँवा भी सकते हैं। (शेयर मंथन, 24 सितंबर 2010)
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