बाजार की दिशा के बारे में मेरी राय सकारात्मक है। मेरा नजरिया है कि आरबीआई की ब्याज दरों में संभावित कटौती घरेलू बाजार के लिए चिंताजनक है, क्योंकि अगर आरबीआई ब्याज दरें घटाता है तो एफआईआई भारतीय बाजार से दूर हट सकते हैं।
इसके अलावा फेडरल रिजर्व अपनी ब्याज दरें बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिससे एफआईआई अपने घरेलू बाजार (यानी अमेरिका) में निवेश करने के लिए आकर्षित हो सकते हैं। अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ें तो इससे देश के व्यापार संतुलन पर असर पड़ेगा और इसका प्रभाव बाजार पर भी हो सकता है। सामान्य रूप से अगर सरकार की नीतियाँ कमजोर रहीं तो यह बाजार के लिए चिंता का विषय होगा। दूसरी ओर कच्चे तेल में मौजूदा गिरावट, सरकार की मजबूत नीतियाँ और जीएसटी बिल का पारित होना बाजार के लिए सकारात्मक पहलू हैं। अगर वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी रही तो घरेलू बाजार पर इसका सकारात्मक असर होगा। निखिल कामत, पार्टनर, जेरोधा (Nikhil Kamat, Partner, Zarodha)
(शेयर मंथन, 07 जनवरी 2015)