इस साल भारतीय बाजार वैश्विक बाजारों की तुलना में बेहतर रहने की उम्मीद है।
मध्यम अवधि में बाजार सकारात्मक दिख रहा है। भरोसेमंद शेयरों के साथ एक मजबूत पोर्टफोलिओ बनाने में इस अवसर का इस्तेमाल करने वाले लंबी अवधि के निवेशकों को बाजार एक अच्छा जोखिम-लाभ अनुपात उपलब्ध करा रहा है। साल 2015 में निफ्टी ऊपर 10,000 तक जा सकता है, जबकि इसके 8,000 से नीचे फिसलने की संभावना कम है। वैश्विक बाजारों में मंदी, फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें बढ़ने की संभावना और मुद्रा बाजार में अस्थिरता सबसे बड़ी चिंताएँ हैं। अविनाश गोरक्षकर, रिसर्च प्रमुख, मिंट डायरेक्ट (Avinash Gorakshkar, Research head, Mint Director)
(शेयर मंथन, 07 जनवरी 2015)