जगदीश ठक्कर
निदेशक, फॉर्च्यून फिस्कल
जो निवेशक कम-से-कम तीन साल या इससे अधिक की अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए अभी सर्वोत्तम अवसर है।
तीन साल की बात करें तो उन्हें लगभग 20% वार्षिक चक्रवृद्धि दर से लाभ मिल सकता है। हालाँकि अभी कई चिंताएँ हैं। बाजार की नजर है कि नये अमेरिकी राष्ट्रपति 20 जनवरी या इसके बाद कैसी घोषणाएँ करते हैं। नोटबंदी के बाद कंपनियों की तीसरी और चौथी तिमाही की आय पर असर होगा। बैंकों के पास जमाराशियाँ अधिक होने और कर्ज लेने वाले कम होने के चलते उन पर ब्याज का बोझ पड़ेगा। साथ ही ऋण-वापसी में चूक (डिफॉल्ट) जैसी स्थितियाँ भी बनेंगी।
दूसरी ओर जनवरी 2017 में बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कमी शुरू हो जायेगी। साथ ही आरबीआई अगली नीतिगत समीक्षा में रेपो दर घटा सकता है। मेरा मानना है कि आगामी बजट सबसे ज्यादा लोकलुभावन हो सकता है। इसमें आवासीय और जमीन-जायदाद क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन की घोषणा हो सकती है। व्यक्तिगत आय कर और कंपनी कर दोनों में कमी की जा सकती है। जीएसटी भी लागू होगा, हालाँकि इसमें थोड़ी देरी हो सकती है।
नोटबंदी के चलते स्वाभाविक रूप से कुछ समय के लिए नकदी की किल्लत होने से माँग में कमी आयेगी और अर्थव्यवस्था धीमी पड़ेगी। इससे बेरोजगारी, ऋण भुगतान में चूक और दो-तीन तिमाहियों के लिए कंपनियों की आय में कमजोरी होगी। इससे शेयर बाजार कुछ लड़खड़ा सकता है। तीसरी तिमाही में कंपनियों के नतीजों में नकारात्मक वृद्धि होगी।
मेरा मानना है कि सेंसेक्स छह महीनों में 27,500 पर और साल भर में 30,000 पर जा सकता है। निफ्टी साल 2017 में ऊपर 9,500 तक जा सकता है, जबकि नीचे 7,600 से ज्यादा टूटने की आशंका नहीं है। इस साल दवा, रक्षा, ऑटो और हाउसिंग फाइनेंस तेज रहेंगे, जबकि धातु, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल, संचार और तेल मार्केटिंग कंपनियों के शेयर कमजोर रहेंगे। इस साल मेरे पाँच सबसे पसंदीदा शेयर हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज होल्डिंग्स, कैनफिन होम्स, जीआईसी हाउसिंग और जी इंटरटेनमेंट। (शेयर मंथन, 05 जनवरी 2017)