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अर्थव्यवस्था के व्यापक संकेत हैं बेहतर

सौरभ जैन
एवीपी - रिसर्च, एसएमसी ग्लोबल
अब साल 2017 का बजट करीब महीने भर ही दूर रह गया है, लिहाजा क्षेत्रवार उम्मीदें लगायी जाने लगी हैं और कर में राहत की भी आशा है।

हालाँकि छोटी अवधि में बाजार उतार-चढ़ाव भरा रहेगा, लेकिन लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास की कहानी जब तक बरकरार है, तब तक बाजार में नये साल में 10-12% की बढ़त दिखने की उम्मीद भी बरकरार है।
विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से पलायन, फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में बढ़ोतरी, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था, भारत में नोटबंदी और उपभोक्ता माँग में कमजोरी अभी मुख्य चिंताएँ हैं। नोटबंदी के चलते उपभोक्ता माँग में कमी आयेगी। पर इससे महँगाई में कमी आयी है, इसलिए ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। साथ ही बैंकों के पास जमाराशियाँ बढ़ गयी हैं। सकारात्मक यह है कि बुनियादी रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के व्यापक संकेत बेहतर हुए हैं, निचली ब्याज दरों का दौर आया है और आय कर की दरों में कमी संभावित है।
अगले छह महीनों में सेंसेक्स 27,500 और निफ्टी 8,450 पर रहने की संभावना लगती है। वहीं अनुमान है कि साल भर में 29,000 और निफ्टी 8,750 पर पहुँचेगा। निफ्टी का साल 2017 का दायरा ऊपर 8,850 और नीचे 7,600 तक का लगता है। इस साल तेल-गैस और बिजली क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन करेंगे, जबकि रियल एस्टेट और कैपिटल गुड्स में सुस्ती रहेगी। नये साल के लिए मेरे पाँच पसंदीदा शेयर एनटीपीसी, पावर ग्रिड, अरविंद, रिलायंस इंडस्ट्रीज और पीआई इंडस्ट्रीज हैं। (शेयर मंथन, 05 जनवरी 2017)

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