शाहिना मुकदम
निदेशक, वरुण कैपिटल
बाजार को लेकर अभी मैं सावधान हूँ।
अगले छह महीनों के लिए तिमाही कारोबारी नतीजे ही बाजार के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं और तीसरी तिमाही के नतीजों में नकारात्मक वृद्धि दिखने की आशंका है। नोटबंदी के चलते 2016-17 की दूसरी छमाही में माँग वृद्धि पर असर होगा। ऋण वृद्धि की दर पिछले अनुमानों के मुकाबले कम होगी।
साल 2017 में भारतीय बाजार की चाल वैश्विक बाजारों की तुलना में कमजोर रहेगी। अगले छह महीनों में सेंसेक्स 28,000 और निफ्टी 8,600 पर होने की संभावना है, जबकि साल भर में सेंसेक्स 31,000 और निफ्टी 9,000 तक जा सकते हैं। इस साल निफ्टी का ऊपरी छोर 9,200 और निचला छोर 7,900 का हो सकता है। (शेयर मंथन, 05 जनवरी 2017)