8,000 की तकनीकी बाधा अहम
सुरेंद्र कुमार गोयल, निदेशक, बोनांजा पोर्टफोलिओ
कच्चे तेल की निम्न कीमत, निम्न महँगाई और सुधारों का सरकारी एजेंडा मिल कर साल 2016 में शेयर बाजार में तेजी का नया दौर शुरू कर सकते हैं।
कच्चे तेल की निम्न कीमत, निम्न महँगाई और सुधारों का सरकारी एजेंडा मिल कर साल 2016 में शेयर बाजार में तेजी का नया दौर शुरू कर सकते हैं।
मैंने कई बार दोहराया है कि 8,500-9,000 के आसपास के स्तर आने वाले 4-5 वर्षों के लिए निफ्टी के उच्चतम स्तर बन सकते हैं। साल 2008 के बाद शुरू गिरावट को पूरा करने के लिए बाज़ार को एक बार फिर से 6,000 के स्तरों तक वापस जाना पड़ेगा।
बाजार की स्थिति बहुत अच्छी है। अगले छह महीनों में सेंसेक्स 28,000 की ओर बढ़ सकता है। इन छह महीनों में कच्चे तेल की कीमत और विश्व अर्थव्यवस्था का बाजार पर सबसे ज्यादा असर होगा।
सबसे बुरा दौर बीत चुका है और निफ्टी के 7,500 के स्तर पर सभी नकारात्मक बातें भाव में शामिल हो चुकी हैं। अभी इस बात पर नजर रहेगी कि सरकार दीवालिया कानून, रियल एस्टेट और इन सबसे ऊपर जीएसटी विधेयक पारित करा पाती है या नहीं।
अगले छह महीनों में सेंसेक्स 27,000 और निफ्टी 50 सूचकांक 8,300 तक जा सकते हैं, जबकि दिसंबर 2016 के लिए इनके लक्ष्य 29,000 और 8,650 के स्तरों पर दिख रहे हैं।