दो साल पहले भारत के प्रमुख कारोबारी घराने अदाणी समूह के खिलाफ अपने आरोपों से भारत सुर्खियाँ बनने और बनाने वाली विवादित अमेरिकी कंपनी हिंडेनबर्ग रिसर्च बंद होने जा रही है। खुद कंपनी के संस्थापक नेट एंडरसन ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
हिंडेनबर्ग रिसर्च दुनिया भर की कंपनियों के खिलाफ आरोप लगाने के बाद उनके शेयरों को शॉर्ट (बेच) कर कमाई करने के लिए कुख्यात थी। हिंडेनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर लिखा कि उन्होंने अपनी कंपनी को बंद करने का फैसला किया है।
हालाँकि एंडरसन ने कंपनी बंद करने के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं किया है। लेकिन यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका में 20 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी होने वाली है। एंडरसन की इस घोषणा के बाद भारतीय बाजार में गुरुवार को अदाणी समूह के शेयरों में तेजी देखी गयी। दिन के कारोबार में समूह के कुछ शेयरों में 9% तक की उछाल दर्ज की गयी।
एंडरसन ने एक्स पर लिखा, ‘‘मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने के बाद कंपनी को बंद करने का निर्णय लिया गया है। मैंने पहले ही हिंडेनबर्ग रिसर्च को बंद करने का मन बना लिया था और इसके बारे में मैंने परिवार, दोस्तों और अपनी टीम को पिछले साल के अंत में बता दिया था। हमारी योजना चल रही परियोजनाओं को पूरा करने के बाद कंपनी को बंद करने की थी। अब हमने अंतिम पोंजी मामले को निपटा लिया है।’’
उन्होंने बंद करने के कारणों के बारे में कुछ भी साफ बताने से बचते हुए लिखा, ‘‘मुझे कोई खतरा नहीं है, स्वास्थ्य से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं है, कोई बड़ा व्यक्तिगत कारण भी नहीं है। मैं पहले अपने लिए कुछ साबित करना चाहता था। अब मुझे लगता है कि मेरे जीवन का केंद्र बिंदु हिंडेनबर्ग नहीं है, बल्कि यह सिर्फ एक अध्याय था। अब मैं अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करना चाहता हूँ, घूमना-फिरना चाहता हूँ और अपने शौक पूरा करना चाहता हूँ।’’
हिंडेनबर्ग ने अदाणी समूह को पहली बार जनवरी 2023 में निशाना बनाया था। उस समय उसने अदाणी समूह पर शेयरों के भाव में गड़बड़ी करने और फर्जी कंपनियों के माध्यम से पैसों का हेर-फेर करने का आरोप लगाया था। हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयर औंधे मुँह गिरे थे। महीने भर में समूह के कई शेयरों के भाव आधे से नीचे आ गये थे और अदाणी समूह की कंपनियों के बाजार पूँजीकरण में 7 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम नुकसान हुआ था।
हिंडेनबर्ग ने इसके बाद भी अदाणी समूह को निशाना बनाया था। बीते साल एक रिपोर्ट में हिंडेनबर्ग ने अदाणी समूह के मामले में बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच को भी घसीटने का प्रयास किया था, जबकि उसे सेबी से कारण बताओ नोटिस मिला हुआ था।
यही कारण है कि हिंडेनबर्ग के बंद होने की खबर को अदाणी समूह के लिए अच्छा माना जा रहा है। हिंडेनबर्ग के बंद होने की खबर पर अदाणी समूह ने आधिकरिक रूप से कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी है, लेकिन समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगशिंदर रॉबी सिंह ने एक रहस्यमयी टिप्पणी साझा की है। उन्होंने लिखा, ‘‘कितने गाजी आये, कितने गाजी गये।’’ उन्होंने हिंडेनबर्ग का नाम नहीं लिया, लेकिन इस टिप्पणी को हिंडेनबर्ग के बंद होने की खबर पर ही कटाक्ष माना जा रहा है।
(शेयर मंथन, 16 जनवरी 2025)
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