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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 2025 की अच्छी शुरुआत, महँगाई घटी तो आईआईपी बढ़ा

देश के लिए साल 2025 की शुरुआत अच्छी रही है। जनवरी में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) 5% बढ़ा है और फरवरी में महँगाई घटी है। फरवरी में खुदरा महँगाई दर 7 महीनों के निचले स्तर 3.61% पर आ गयी। वहीं, आईआईपी में 8 महीनों में सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली है। 

7 महीनों में सबसे कम महँगाई

सरकारी आँकड़े बताते हैं कि देश में खुदरा महँगाई घटी है। फरवरी में खुदरा महँगाई दर 7 महीनों के निचले स्तर 3.61% पर चली गयी, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे कम है।  जनवरी की तुलना में खुदरा महँगाई दर 0.65% गिरी है। खुदरा महँगाई 4% के नीचे जाने से आरबीआई को भी राहत मिली है। यह अब आरबीआई के लक्ष्य के नीचे है। 

महीना खुदरा महँगाई दर (%)

सितंबर 2024 5.49

अक्टूबर 2024 6.21

नवंबर 2024 5.48

दिसंबर 2024 5.22

जनवरी 2025 4.31

फरवरी 2025 3.61 

महँगाई घटने के कारण

खुदरा महँगाई में गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों और अंडों, मीट और दालों की कीमतों में गिरावट के कारण आयी है। खाद्य महँगाई दर में गिरावट का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि जनवरी में ये 5.97% पर थी लेकिन फरवरी ये गिरकर ये 3.75% पर आ गयी। यानी सिर्फ एक महीने में खाद्य महँगाई दर में 2% से ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। खुदरा महँगाई में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी खाद्य महँगाई की ही होती है। आँकड़ों से जाहिर है कि खाद्य महँगाई दर मई 2023 के बाद सबसे कम दर्ज की गयी है।

महँगाई घटी, अब घटेगी ब्याज दर

महँगाई दर 4% के नीचे फिसलने के बाद अब ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है। अगले महीने 7-9 अप्रैल के बीच आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (एमपीसी) की बैठक होनी है। जानकार ये उम्मीद कर रहे हैं कि इस बैठक में आरबीआई ब्याज दरों में कम से कम 0.25% की कटौती तो करेगा। यदि ऐसा हुआ तो आरबीआई दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती करेगा।

8 महीने की ऊँचाई पर आईआईपी

आँकड़ों के मुताबिक जनवरी में आईआईपी में 5% की बढ़त देखने को मिली जो 8 महीनों में सबसे ज्यादा है। दिसंबर 2024 में आईआईपी 3.5% पर थी जो जनवरी में बढ़कर 5% पर पहुँच गई है। यहाँ खास बात ये है कि बाजार को जनवरी में आईआईपी 3.5% पर रहने की उम्मीद थी। आईआईपी कई क्षेत्रों की वृद्धि को दिखाने का एक पैमाना होता है। इसमें कोक और रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट, दूसरे नॉन-मैटालिक मिनिरल्स का उत्पादन, टैक्सटाइल, फूड प्रोडक्ट्स, गाड़ियों, ट्रेलर्स और सेमी ट्रेलर्स की उत्पादन वगैरह शामिल होते हैं।

कहाँ कितनी हुई वृद्धि?

प्रोडक्ट जनवरी 2025 दिसंबर 2024

कोक, रिफाइंड पेट्रोलियम 8.5% 3.9%

नॉन-मैटालिक मिनिरल 10.2 % 3.3%

टैक्सटाइल 3.3% 1.4%

दूसरे खाद्य प्रोडक्ट 0.6% -5.0%

गाड़ियों का उत्पादन 1.8% -1.9%

देश में आईआईपी ग्रोथ

%

अगस्त 2024 0

सितंबर 2024 3.2

अक्टूबर 2024 3.7

नबंवर 2024 5.0

दिसंबर 2024 3.5

जनवरी 2025 5.0

देश में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ

%

अगस्त 2024 1.2

सितंबर 2024 4.0

अक्टूबर 2024 4.4

नबंवर 2024 5.5

दिसंबर 2024 3.4

जनवरी 2025 5.5

(शेयर मंथन, 17 मार्च 2025)

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