जेएलएल इंडिया (JLL India) की ओर से पेश ताजा आँकड़ों के मुताबिक साल 2016 में भारतीय रियल एस्टेट (Real Estate) क्षेत्र में प्राइवेट इक्विटी (Private Equity) या पीई निवेश इसके पिछले वर्ष की तुलना में 62% बढ़ा है।
कुल मिला कर यह साल 2007 के बाद का सर्वश्रेष्ठ वर्ष रहा। साल 2016 में यह निवेश 38,000 करोड़ रुपये का रहा, जबकि इससे पहले साल 2015 में 23,500 करोड़ रुपये का था। साल 2016 में हुए 38,000 के कुल निवेश में से 13,500 करोड़ रुपये का निवेश शुद्ध रूप से इक्विटी के रूप में था, जबकि बाकी निवेश ऋण की अलग-अलग संरचनाओं के माध्यम से किया गया। रियल एस्टेट में प्राइवेट इक्विटी के शुद्ध इक्विटी निवेश में साल-दर-साल 29% की बढ़त दर्ज की गयी। साल 2015 में यह आँकड़ा 10,500 करोड़ रुपये का था।
वहीं साल 2016 की दूसरी छमाही की तुलना साल 2015 की दूसरी छमाही से करें तो रियल एस्टेट में कुल पीई निवेश में 121% की उछाल दर्ज हुई है। जुलाई-दिसंबर 2015 के दौरान 9,500 करोड़ रुपये का निवेश आया था, जबकि 2016 की दूसरी छमाही में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश आया। जेएलएल इंडिया का मानना है कि रियल एस्टेट रेगुलेशन ऐक्ट और जीएसटी विधेयकों के पारित होने से निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा है, जिसकी वजह से निवेश में यह उछाल दर्ज हुई।
जेएलएल इंडिया के एमडी - कैपिटल मार्केट्स शोभित अग्रवाल का कहना है कि ब्रेक्सिट और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम के बावजूद साल 2017 में इस क्षेत्र में पीई निवेश साल 2016 से भी बेहतर रह सकता है। उनके मुताबिक मजबूत और आधुनिक होती अर्थव्यवस्था से इसमें मदद मिलेगी। साथ ही एक आकर्षक निवेश विकल्प के रूप में भारत की बढ़ती साख के कारण भी ऐसा संभव होगा। अग्रवाल का कहना है कि आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिरता, मोदी सरकार की ओर से एफडीआई नीति के उदारीकरण और इसके चलते निवेशक समुदाय की धारणा में आया सुधार भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र के पक्ष में काम कर रहे हैं। (शेयर मंथन, 16 जनवरी 2017)