मकान खरीदारों को राहत देते हुए आज शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने कहा कि जेपी इन्फ्रा (Jaypee Infra) की दिवाला समाधान प्रक्रिया 90 दिन पूरी हो जानी चाहिए।
साथ ही अदालत ने जेपी इन्फ्रा की मूल कंपनी जेपी एसोसिएट्स (Jaypee Associates) को इसके लिए बोली लगाने से भी रोक दिया है। उच्चतम न्यायालय ने सिर्फ सरकारी निर्माण कंपनी एनबीसीसी (NBCC) और सुरक्षा रियल्टी (Suraksha Realty) को लेनदारों की समिति के सामने अपने संशोधित प्रस्ताव पेश करने की इजाजत दी है। इसके साथ ही अदाणी ग्रुप (Adani Group), जिसने कथित तौर पर जेपी इन्फ्रा की लटकी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 1,700 करोड़ की पेशकश की थी, भी जेपी इन्फ्रा के लिए बोली लगाने की दौड़ से बाहर हो गया है।
अनुच्छेद 142 के तहत सर्वोच्च न्यायालय की असाधारण शक्तियों के अंतर्गत अदालत ने कुल 90 दिनों की अतिरिक्त मोहलत दी है और साथ ही कहा है कि इस मामले को एक मिसाल कायम नहीं होनी चाहिए। गौरतलब है कि यह मामला सबसे पहले अगस्त 2017 में आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) द्वारा ऋणदाताओं की ओर से दिवालिया कार्यवाही के लिए एक अर्जी दाखिल करने के बाद राष्ट्रीय कंपनी कानून प्राधिकरण (एनसीएलटी) के सामने आया था।
उधर बीएसई में जेपी इन्फ्रा का शेयर 1.24 रुपये के पिछले बंद स्तर के मुकाबले आज सुबह 1.26 रुपये पर खुल कर 1.30 रुपये के दैनिक ऊपरी सर्किट पर पहुँचा।
अंत में यह 0.06 रुपये या 4.84% की बढ़ोतरी के साथ 1.30 रुपये पर ही बंद हुआ। इस भाव पर कंपनी की बाजार पूँजी 180.56 करोड़ रुपये है। (शेयर मंथन, 06 नवंबर 2019)
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