यूएनओ मिंडा (UNO Minda) समूह ने बिजली वाहनों या ईवी (EV) के बाजार को ध्यान में रख कर जर्मनी की कंपनी फ्रिवो एजी (FRIWO AG) के साथ मिल कर साझा कंपनी (जेवी) बनाने का समझौता किया है।
फ्रिवो एजी वाहनों के लिए बिजली आपूर्ति इकाइयों और ई-ड्राइव समाधान की एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय निर्माता कंपनी है। मिंडा और फ्रिवो की इस साझेदारी का मकसद भारतीय उपमहाद्वीप में कई तरह के बिजली वाहन पुर्जों (इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपोनेंट) की आपूर्ति करना है। दोनों कंपनियाँ अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और तकनीकी क्षमता को एक साथ मिला कर काम करेंगी। दोनों की यह साझा कंपनी भारतीय उपमहाद्वीप में बिजली से चलने वाले दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए जरूरी समाधान मुहैया करायेगी। इस साझा उद्यम में यूनो मिंडा समूह की अग्रणी कंपनी मिंडा इंडस्ट्रीज (Minda Industries) की हिस्सेदारी 50.1% होगी।
कंपनी को उम्मीद है कि अगले 5-6 साल में भारत में दोपहिया बिजली वाहनों की माँग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। बिजली गाड़ियों के क्षेत्र में मौजूद इस अवसर को भुनाने के लिए मिंडा और फ्रिवो की साझा कंपनी अगले 6 साल में करीब 390 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। शुरुआती 2 साल में इस साझा कंपनी की ओर से 160 करोड़ रुपये निवेश की योजना है।
मिंडा इंडस्ट्रीज की इसमें एक या दो चरणों में करीब 71 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है। बाकी के निवेश के लिए आंतरिक तौर पर फंड जुटाने के साथ इक्विटी निवेश और कर्ज का भी सहारा लिया जा सकता है। कंपनी के बोर्ड ने फ्रिवो एजी में 1.5 करोड़ यूरो के निवेश को भी मंजूरी दी है, ताकि इस साझेदारी को और मजबूती दी जा सके।
इस सौदे की मंजूरी अभी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सहित दूसरे नियामकों से भी लेनी होगी। बिजली गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने फेम (FAME या Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles in India) और पीएलआई (PLI) योजनाओं के जरिये सहायता प्रदान कर रही है। (शेयर मंथन, 10 दिसंबर 2021)
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