हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 7,200-7,500 के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
नये सीजन की फसल से कीटों के प्रकोप के बाद उत्पादन कम होकर लगभग 55-60 लाख बैग होने के अनुमान के कारण कीमतों की गिरावट पर रोक लग सकती है। ऐसी खबर है कि आंध प्रदेश और तेलगांना में हल्दी की फसल के प्रभावित होने की आशंका है। लेकिन इसके विपरीत दो हफ्ते के उच्च स्तर 7,870 रुपये से लुढ़कने के कारण खरीदारों में भय पैद हो गया है और वे बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। इसके अतरिक्त पुरानी फसल का एक बड़ा भाग मध्यम क्वालिटी का है और अच्छी माँग तभी होगी जब बेहतर क्वालिटी की नयी फसल की आवक होगी। जीरा वायदा (जनवरी) की कीमतों को तेजी थमती नजर आ रही है और आगामी दिनों में कीमतें 21,200-21,800 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार कर सकती हैं। मौजूदा सीजन में अधिक क्षेत्रा में बुआई से उत्पादन अधिक होने की संभावना बढ़ गयी है। गुजरात कृषि विभाग के अनुसार 4 दिसंबर तक राज्य में जीरे की बुआई पिछले वर्ष की समान अवधि के 1,80,300 हेक्टेयर की तुलना में 49.64% बढ़ कर 2,69,800 हेक्टेयर में हुई है। धनिया वायदा (जनवरी) की कीमतों के 5,350-5,500 रूपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और कीमतों में किसी भी गिरावट को खरीदारी का अवसर माना जा सकता है। मौजूदा सीजन धनिया के उत्पादन क्षेत्रा में कमी के कारण सेंटीमेंट काफी बेहतर हैं। गुजरात कृषि विभाग के अनुसार 4 दिसंबर तक राज्य में धनिया की बुआई पिछले वर्ष की समान अवधि के 69,000 हेक्टेयर की तुलना में 17% कम होकर 57,300 हेक्टेयर में हुई है। (शेयर मंथन, 11 दिसंबर 2017)
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