हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 7,700-7,900 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार कर सकती हैं।
आंध्र प्रदेश मार्कफेड के ई-ऑक्शन से आपूर्ति और घरेलू बाजार में पर्याप्त उपलब्धता के कारण कमजोर फंडामेंटल के बीच घरेलू माँग काफी कम है। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में हल्दी की फसल काफी बेहतर स्थिति में है। केवल तमलिनाडु में पानी की कमी के कारण स्थिति अच्छी नही है। जीरा वायदा (जनवरी) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और यदि कीमतें 21,125 रुपये से नीचे टूटती है इसमें तो 21,000 रुपये तक गिरावट हो सकती है। कारोबारी सतर्क हैं क्योंकि पिछले तीन हफ्ते से विदेशों से माँग कम हो गयी है, लेकिन घरेलू माँग काफी अच्छी है। गुजरात में जीरे का मौजूदा स्टॉक लगभग 5 लाख बैग (1 बैग 55 किलो ग्राम का) होने का अनुमान है और फरवरी में नयी फसल की आवक होने तक घरेलू और निर्यात माँग लगभग 2-2.5 लाख बैग होने का अनुमान है। लेकिन यदि निर्यात माँग में बढ़ोतरी होती है तो यह स्टॉक भी कम हो सकता है। धनिया वायदा (जनवरी) की कीमतें 5,800-5,850 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। स्टॉकिस्ट मौजूदा कीमतों पर खरीदारी कर रहे है क्योंकि उन्हे उम्मीद है कि मौजूदा सीजन में कम उत्पादन क्षेत्र के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है। गुजरात कृषि विभाग के अनुसार 18 दिसंबर राज्य में 67,500 हेक्टेयर में धनिया की बुआई हुई, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 1,18,000 हेक्टेयर में बुआई हुई थी। इलायची वायदा (जनवरी) की कीमतों के 1,065-1,085 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार करने की संभावना है। फसल की कटाई मौजूदा सीजन के अंतिम चरण में है। इस कारण बाजार का सेंटीमेंट बदल गया है और कारोबारी खरीदारी कर रहे हैं। (शेयर मंथन, 26 दिसंबर 2017)
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