हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 6,600-6,830 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
कहा जाये तो हल्दी की कीमतों में गिरावट पर रोक लग सकती है। हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी और आवक बढ़ी हैं। खरीदारों ने नयी और हाइब्रिड हल्दी के 80% आवक की खरीदारी की है। इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में सलेम हाइब्रिड फिंगर वेरायटी की कीमतें 5,569-8,789 रुपये प्रति क्विंटल हैं और रूट वेरायटी की कीमतें 5,089-7,259 रुपये प्रति क्विंटल हैं। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतें 6,399-7,561 रुपये प्रति क्विंटल हैं और रूट वेरायटी की कीमतें 5,889-7,099 रुपये प्रति क्विंटल हैं। जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 14,400 के सपोर्ट स्तर से नीचे टूट सकती हैं। आवक में बढ़ोतरी के कारण ऊंझा और राजकोट में जीरे की हाजिर कीमतों में गिरावट हुई है। सुस्त निर्यात माँग के कारण कारोबारी खरीदारी को लेकर रूचि नही दिखा रहे हैं। इस बीच जीरे की क्वालिटी में गिरावट के कारण किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा है। विदेशी और घरेलू बाजारों से कमजोर माँग के कारण धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 5,200 तक गिरावट जारी रह सकती हैं। वर्तमान समय में घरेलू और निर्यात करने वाले खरीदारो की ओर से बहुत अधिक माँग नही हो रही है क्योंकि वे मार्च-अप्रैल में अधिकतम आवक के दौरान कीमतों में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं। (शेयर मंथन, 13 मार्च 2018)
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