सोयाबीन वायदा (जून) की कीमतों के 3,750-3,850 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
डॉलर के मुकाबले रुपये के 16 महीने के निचले स्तर 68.13 पर पहुँचने के बाद ऑयलमील की निर्यात माँग में रिकवरी होने की संभावना से कीमतों को मदद मिलने की उम्मीद है। तेल वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितम्बर) के संशोधित अनुमान के अनुसार देश में सोयाबीन और सोया उत्पादों का 15 लाख टन होने का अनुमान है और कैरी फॉरवर्ड स्टॉक केवल 1 लाख टन रह सकता है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 765-771 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (मई) की कीमतें 646 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। अप्रैल 2018 में खाद्य तेलों के आयात में लगातार बढ़ोतरी हुई है। साल्वेंट एक्सटैंक्टर एसोसिएशन के अनुसार अप्रैल 2018 में खाद्य तेलों का आयात पिछले वर्ष की समान अवधि के 13.39 लाख टन की तुलना में 3.5% की बढ़ोतरी के साथ 13.86 लाख टन हुआ। मौजूदा तेल वर्ष (नवम्बर 2017-अक्टूबर 2018) में अभी तक सबसे अधिक मासिक आयात है। मौजूदा तेल वर्ष में अभी तक कुल 73,18,295 टन खाद्य तेल का आयात हुआ है जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.5% अधिक है।
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