किसानों द्वारा हाजिर बाजारों में सोयाबीन की धीमी बिकवाली के कारण घरेलू बाजार में पिछले दो हफ्ते से सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।
आगामी दिनों में कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना है और फरवरी महीने के वायदा कीमतों को 3,450 रुपये पर सहारा रह सकता हैं। कम कीमतों पर किसानों द्वारा हाजिर बाजारों में सोयाबीन की धीमी बिकवाली के कारण सोयाबीन की आवक कम हुई है और वे कीमतों में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। वित वर्ष 2018-19 में सोयामील की बेहतर निर्यात माँग की संभावना के साथ ही बेहतर घरेलू माँग के कारण घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमतों में तेजी के रुझान रह सकता है। कारोबारियों के अनुसार भारतीय सोयामील के खरीदारों की सूची से वर्षो से गायब रहा ईरान 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) में भारतीय सोयामील का सबसे बड़ा खरीदार हो सकता है।
सरसों वायदा (जनवरी) में 3,880 रुपये के नजदीक निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है और कीमतें 3,930 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। सरसोंमील निर्यातकों और तेल मिलों की ओर से माँग में बढ़ोतरी के कारण कीमतों में तेजी का सेंटीमेंट है। लेकिन 31 दिसंबर तक किसानों, प्रोसेसरों, स्टॉकिस्टों और सरकारी एजेंसियों के पास लगभग 9.5 लाख टन के स्टॉक को देखते हुए कारोबारियों को सावधान रहने की जरुरत है। सरसों की नयी फसल की आवक फरवरी में शुरू होगी और मार्च में तेज हो जायेगी।
सीपीओ (क्रूड पाम ऑयल) वायदा (जनवरी) की कीमतें 4 हफ्ते के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही हैं और कीमतें 533 रुपये के स्तर को पार करती है तो 535-540 रुपये तक बढ़त जारी रह सकती है।
रिफाइंड सोया तेल (जनवरी) वायदा की कीमतें 735 रुपये के नजदीक बाधा स्तर को पार कर 740 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। एक बार फिर से रुपये के कमजोर होने से आयात महँगा होने लगा है और कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 07 जनवरी 2019
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