सोयाबीन (फरवरी) वायदा कीमतों में 3,650-3,700 रुपये तक तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
भारी ठंड के कारण पॉम ऑयल की कम माँग और सोया तेल की अधिक माँग के कारण मिलों के पास सोयाबीन की कम उपलब्धता के कारण हाजिर बाजारों में सोयाबीन की कीमतों में तेजी का रुझान है। कम कीमतों पर किसानों द्वारा हाजिर बाजारों में सोयाबीन की धीमी बिकवाली के कारण सोयाबीन की आवक कम हुई है और वे कीमतों में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। कम उपलब्धता के कारण हाजिर बाजारों में सोयाबीन की कीमतें 3,350-3400 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी हैं, जबकि प्लांट डिलीवरी के लिए सोयाबीन की कीमतें 3,350-75 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी हैं।
सरसों वायदा (जनवरी) की कीमतों में 3,935 रुपेये के स्तर पर सहारे 3,960-3,970 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। सरसोंमील निर्यातकों और तेल मिलों की ओर से माँग में बढ़ोतरी के कारण कीमतों में तेजी का सेंटीमेंट है। लेकिन 31 दिसंबर तक किसानों, प्रोसेसरों, स्टॉकिस्टों और सरकारी एजेंसियों के पास लगभग 9.5 लाख टन के स्टॉक को देखते हुए कारोबारियों को सावधान रहने की जरूरत है। सरसों की नयी फसल की आवक फरवरी में शुरू होगी और मार्च में तेज हो जायेगी।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है और कीमतों को 540 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है।
रिफाइंड सोया तेल (जनवरी) वायदा की कीमतों को भी 745 रुपये के स्तर पर रुकावट रहने की संभावना है। कारोबारियों की नजर कल जारी होने वाले मलेशियन पॉम ऑयल बोर्ड के उत्पादन, भंडार और निर्यात के आँकड़ों पर रहेगी। (शेयर मंथन, 09 जनवरी 2019)
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