हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 6,400 रुपये के मजबूत सहारा स्तर से नीचे टूटने के कगार पर हैं। हल्की की कीमतों में 6,315-6,200 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
वर्तमान समय में नयी फसल की आवक की कोई खबर नहीं है, लेकिन आगामी हफ्तों में शुरू हो सकती है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि किसान मैसूर वेराइटी की नयी फसल की हल्दी को इरोद में बेचने के लिए लाने वाले है। इसके विपरीत उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड के कारण माँग काफी कम हो रही है। जहाँ तक निर्यात माँग की बात है, अभी भी कम है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और यदि कीमत 16,270 रुपये से नीचे टूटती है तो कीमतों में 16,000 रुपये तक गिरावट दर्ज की जा सकती है। अनुकूल मौसम के कारण अधिक उत्पादन अनुमान से कारोबारियों के बीच नरमी का सेंटीमेंट है। फसल अनुमान में 5-10% के बदलाव की भरपायी पिछले सीजन के कैरी ओवर स्टॉक से हो सकती है। उत्पादन अनुमान के अतिरिक्त निर्यात बाजार से भी कीमतों को रुझान मिल सकता है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,540-6,690 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं। कारोबारी काफी सतर्क हैं और फसल के विकास पर पैनी नजर रखे हुए हैं। पिछले 2-3 दिनों से मौसम में अचानक बदलाव धनिया की खड़ी फसल के लिए लाभकारी माना जा रहा है।
इलायची वायदा (फरवरी) की कीमतों में 1,545 रुपये के नजदीक सहारे के साथ तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है। मौजूदा फसल कटाई सीजन के समाप्त हो जाने और जून के अंत या जुलाई के प्रारंभ तक नयी फसल की आवक होने तक बाजार में उपलब्धता की कमी बरकरार रह सकती है। इसे देखते हुए बाजार में भी जो भी आवक हो रही है, उसकी खरीदारी कारोबारियों द्वारा की जा रही है। (शेयर मंथन, 28 जनवरी 2019)
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