हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के 6,250-6,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
इरोद के सभी बाजारों में हल्दी की आवक में बढ़ोतरी हुई है, जिससे कीमतों पर दबाव पड़ा है। यदि कारोबारियों को अधिक ऑर्डर मिलते हैं तो वे अधिक कीमतों पर हल्दी की खरीदारी कर सकते हैं। अप्रैल के अंत तक इरोद क्षेत्रों में नयी हल्दी की आवक होने लगेगी। पिछले तीन महीने से मैसूर और ध्रमपुरी से बिक्री के लिए नयी हल्दी की आवक हो रही है और कारोबारी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए खरीदारी कर रहे हैं।
जीरा वायदा (मई) की कीमतों में 16,900 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। चीन और बांग्लादेश की ओर से जोरदार माँग के कारण ऊंझा बाजार में जीरे की कीमतें एक महीने के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही हैं। प्रमुख उत्पादक देशों में उत्पादन कम होने की संभावना से भारतीय जीरे की निर्यात माँग में वृद्धि होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसा अनुमान है कि मौजूदा सीजन में तुर्की और सीरिया में अधिक बारिश के कारण उत्पादन कम हो सकता है। विदेशी बाजार में इन दोनों देशों की जीरे की अधिक कीमतों के कारण भारतीय जीरा बेहतर विकल्प हो गया है।
धनिया वायदा (मई) की कीमतों को 7,050 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। इस वर्ष कम आपूर्ति और मलेशिया, सऊदी अरब एवं यूएई जैसे देशों से अधिक निर्यात माँग के कारण कीमतों में तेजी का रुझान है। (शेयर मंथन, 18 अप्रैल 2019)
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