हल्दी वायदा (जुलाई) में गिरावट जारी रहने की संभावना है और आने वाले दिनों में यह 6,100-6,050 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
माँग में कमी के कारण कीमतों में नरमी का रुझान है, क्योंकि किसान नयी फसल की बुवाई में व्यस्त हैं और मंडियों में अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद नहीं ला रहे हैं। मॉनसून की गति में वृद्धि के बाद, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक के प्रमुख क्षेत्रों में बुवाई में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वर्तमान समय में किसान अपनी हल्दी बेचने के लिए तैयार नही दिखायी देते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि वर्तमान मूल्य उनके लिए संभव नहीं है, लेकिन वे अपने घरेलू खर्चों के लिए बेच रहे हैं। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेराइटी की हल्दी 6,189-7,419 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की हल्दी 5,877- 6,584 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बिक रही हैं।
जीरा वायदा (जुलाई) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 17,020 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 17,300 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। घरेलू स्टॉकिस्टों की ओर से जीरे की हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
कम उत्पादन अनुमान को देखते हुए भारतीय मसाला बोर्ड के नीलामी केन्द्रों पर कीमतों में बढ़ोतरी के कारण इलायची वायदा (जुलाई) की कीमतें 3,200 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। तमिलनाडु के बोडिनायकनूर में छोटी इलायची की औसत कीमत 3,373.51 रुपये प्रति किलो ग्राम थी।
धनिया वायदा (जुलाई) की कीमतों के 6,860-7,030 रुपये के दायरे में सीमिद दायरे में कारोबार करने की संभावना है। अधिक माँग के कारण हाजिर बाजारों में कीमतों में तेजी का रुझान है। राजस्थान के बाजारों में कम आवक के कारण भी कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 03 जुन 2019)
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