सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 3,720 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,600 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
कृषि मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में अभी बुआई की कोई खबर नहीं है, लेकिन राजस्थान में बुआई क्षेत्रों 6 गुना बढ़ कर 1,86,000 हेक्टेयर हो गया है। सरकार ने किसानों से पर्याप्त मॉनसूनी बारिश होने तक इंतजार करने को कहा है और कहा है कि बारिश का पानी मिट्टी में 4 इंच तक पहुँचने पर बुवाई शुरू करें। बुवाई में थोड़ी देरी इस वर्ष कुल उत्पादन को प्रभावित नहीं कर सकती है, क्योंकि सोयाबीन की बुआई आमतौर पर जुलाई के तीसरे सप्ताह तक होती रहती है। कुछ किसान अगस्त के प्रारंभ तक भी बुवाई जारी रखते हैं, लेकिन बाद में बोयी गई फसल से उपज कम होगी।
सीबोट में अमेरिकी सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों में कल 1.1% की गिरावट के बाद आज 0.1% की बढ़त देखी जा रही है। यूएसडीए की रिपोर्ट के अनुसार 54% अमेरिकी सोयाबीन फसल की स्थिति काफी बेहतर है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सप्ताह बेहतर मौसम से कुछ किसान सोयाबीन की अधिक बुआई कर सकते हैं और फसल की स्थिति में सुधर हो सकता है।
सरसों वायदा (जुलाई) की कीमतों में 3,910 रुपये तक गिरावट हो सकती है। केवल 86 रुपये प्रति क्विंटल की पेराई मार्जिन के कारण हाजिर बाजारों में सरसों की काफी कम खरीदारी हो रही है। नाफेड ने 2018-19 सीजन में अभी तक 10.8 लाख टन सरसों की खरीदारी की है। हाजिर बाजारों में कीमतों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने के कारण नाफेड द्वारा लगातार अधिक खरीदारी की गयी है।
सीपीओ वायदा (जुलाई) की कीमतें 505 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती है, जबकि सोया तेल वायदा (जुलाई) की कीमतें 743-741 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 03 जुलाई 2019)
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