हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों को 6,790 रुपये के स्तर पर अड़चन बरकरार रह सकती है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
नवीनतम आँकड़ों के अनुसार तेलंगाना में अभी तक 85% बुआई पूरी हुई है। मॉनसून सीजन के दौरान माँग कम है। तमिलनाडु के प्रमुख हल्दी उत्पादन क्षेत्र इरोद, जहाँ बुआई 15 जुलाई से शुरू होगी, में बुआई से पहले कीमतें दबाव में हैं।
जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है और कीमतें 18,000 रुपये तक पहुँच सकती हैं। कम आवक के बीच स्थिर घरेलू और विदेशी माँग के कारण कीमतों में तेजी का रुझान है। बेहतर कीमतें मिलने की उम्मीद से किसानों द्वारा स्टॉक रोक कर रखे जाने से कीमतों को मदद मिल सकती है।
कम भंडार, कम बारिश और कम उत्पादन के कारण इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतों की तेजी पर रोक लग सकती है और कीमतों में 3,100-3,200 रुपये तक बढ़त हो सकती हैं। केरल के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में पिछले वर्ष की भारी बारिश के विपरीत इस वर्ष अत्यंत कम मॉनसून के कारण इलायची का उत्पादन सामान्य से 30-40% कम होने का अनुमान है। इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से लगभग 35% कम बारिश होने की संभावना है। इसलिए जुलाई में नयी फसल की होने के बावजूद कीमतों में गिरावट होने की संभावना नही है। माँग और आपूर्ति में भारी अंतर के कारण जो भी आवक होगी उसे स्टॉकिस्टों द्वारा खरीदा जायेगा।
धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों में 7,060-7,100 रुपये के नजदीक निचले स्तर पर खरीदारी की जा सकती है और 7,300-7,400 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। राजस्थान और गुजरात के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कम उत्पादन और अधिक निर्यात माँग के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 15 जुलाई 2019)
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