सोयाबीन वायदा (सितंबर) की कीमतों में 3,725 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है।
फसल को लेकर चिंताओं के कारण सेंटीमेंट काफी बेहतर हैं। सोयाबीन पर कीटनाशकों का छिड़काव करने में असफलता से इंदौर, देवास और उज्जैन के कुछ हिस्सों में खड़ी फसलों की वृद्धि बाधित हुई है। भारत में सोयाबीन के उत्पादन का लगभग 70% उत्पादन करने वाले राज्यों में से एक में सोयाबीन का उत्पादन कम हो सकता है। खेतों में पानी की अधिकता से पौधों में खनिज की कमी के कारण ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, जबकि उच्च एथिलीन का स्तर फसल की वृद्धि को बाधित करता है।
सीबोट में अमेरिकी सोयाबीन वायदा (सितंबर) कीमतों कल की 1.6% की गिरावट के बाद आज बढ़त दर्ज की गयी है, लेकिन विश्व स्तर पर कमजोर माँग के कारण कीमतें साप्ताहिक स्तर पर गिरावट के साथ बंद होने की ओर अग्रसर है।
सोया तेल वायदा (सितंबर) की कीमतें यदि 748 रुपये से नीचे टूटती है, तो 745 रुपये तक गिरावट हो सकती हैं। सीपीओ वायदा (सितंबर) की कीमतें यदि 555 रुपये के सहारा स्तर से नीचे टूटती है तो 550 रुपये तक गिरावट हो सकती हैं। विश्व स्तर पर कमजोर रुझानों और कमजोर माँग के कारण सोया रिफाइंड की कीमतें 748-750 रुपये प्रति 10 किलोग्राम हो गयी हैं। भारत ने मलेशिया से आयातित रिफाइंड पॉम तेल पर आयात शुल्क को 45% से बढ़ा कर 50% कर दिया है। सीबोट में अमेरिकी सोया तेल की कीमतों में नरमी के रुख पर मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में भी दो हफ्ते के निचले स्तर पर गिरावट हुई है। सीबोट में सोया तेल सितंबर कॉन्ट्रैक्ट की कीमतों में 0.1% की गिरावट हुई है, जबकि डेलियन एक्सचेंज में सोया तेल सितंबर कॉन्ट्रैक्ट की कीमतों में 0.2% की गिरावट हुई है।
सरसों वायदा (सितंबर) की कीमतों में 3,885-3,870 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। लगातार आवक के बीच तेल मिलों की ओर से कमजोर माँग के कारण सेंटीमेंट में नरमी का रुझान है। (शेयर मंथन, 06 सितंबर 2019)
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