सोयाबीन वायदा (अगस्त) की कीमतों के 3,795-3,840 रुपये के दायरे में स्थिर कारोबार करने की संभावना है।
काउंटर पहले से ही इस सीजन में आश्चर्यजनक रूप से अधिक आपूर्ति के दबाव में कारोबार कर रहा है और आगे भी माँग भी बाधित हो सकती है क्योंकि विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 1 अप्रैल से शुरू किये गये निर्यातों के लिए अपने पोर्टल पर एमईआईएस के दावों के ऑनलाइन पंजीकरण को रोक दिया है। इससे सोयामील का निर्यात बंद हो जायेगा।
सरसों वायदा की कीमतों में तेजी का रुझान है और घरेलू खपत में अचानक वृद्धि के बीच कम आपूर्ति और सरसों के तेल की माँग बढ़ने के कारण हर हफ्ते तीन साल के एक नये उच्च स्तर पर पहुँच रही है। किसानों के पास कोई स्टॉक नहीं बचा है और नयी सीजन की फसल की आवक में अभी 6-8 महीने की देरी है, इसलिए आने वाले दिनों में सरसों की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है। इसलिए कीमतों की प्रत्येक गिरावट के बाद 5,050-5,070 रुपये के लक्ष्य को देखते हुये, इस तिलहन
की खरीदारी की जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार से सकारात्मक रुझान पर खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है। यदि हम करीब से देखें, तो सीबोट पर तीन महीने में सोया तेल की कीमतें 25.39 के निचले स्तर से 20% से अधिक बढ़ गयी है, जबकि बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स पर सीपीओ की कीमतों में मई के प्रारंभ के 1939 रिंगिट प्रति टन से लगभग 43% की वृद्धि देखी गयी है।
अमेरिकी सोयाबीन के बेहतर निर्यात बिक्री आँकड़ों, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोया तेल के लिए अधिक पेराई और सबसे महत्वपूर्ण रूप से पॉम ऑयल की अधिक माँग के कारण कीमतों को बढ़ावा मिल रहा है। इन सभी फंडामेंटल के आधार पर, यह उम्मीद की जाती है कि सोया तेल (अगस्त) की कीमतों में 885-890 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है, और सीपीओ (अगस्त) की कीमतों में 745-750 रुपये के स्तर तक बढ़ोतरी हो सकती है। (शेयर मंथन, 04 अगस्त 2020)
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