हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों में 5,700-5,650 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है और कीमतों को 5,750 रुपये के पास सहारा और 5,900 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है।
निजामाबाद, सांगली और इरोड के हल्दी बाजारों में कीमतें स्थिर रही। वारंगल, नांदेड़, केसमुद्रम और बसमतनगर मंडी में हल्दी के भाव में 100 रुपये प्रति क्विंटल तक गिरावट हुई। निजामाबाद मंडी में पिछले सत्र के 2,000 बैग की तुलना में 2,500 बैग की आवक हुई है। बासमतीनगर मंडी में गट्टा किस्म की हल्दी की कीमतें 100 रुपये की गिरावट के साथ 5,200-5,400 रुपये के दायरे में रही जबकि आवक 3,400 बैग हुई। वारंगल में गाथा और फिंगर किस्म की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई जबकि केसामुद्रम मंडी में गट्टा की किस्म की कीमतें 100 रुपये टूट गयी। दोनों मंडियों में 50-50 बैगों की आवक दर्ज की।
जीरा वायदा (नवम्बर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 14,400-14,600 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। गुजरात के ऊंझा और राजकोट मंडी में हाजिर जीरा की कीमतों में 50-100 रुपये प्रति 20 किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई हैं। राजकोट में, यूरोप की गुणवत्ता वाली जीरे की कीमतें 50 रुपये बढ़कर 2,550-2,600 रुपये प्रति क्विंटल, सिंगापुर की गुणवत्ता 100 रुपये बढ़कर 2,500-2,550 रुपये प्रति क्विंटल, और सुपर क्वालिटी की कीमतें 50 रुपये बढ़कर 2,600-2,650 रुपये क्विंटल हो गयी।
धनिया वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 6,550-6,500 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। राजस्थान के रामगंजमंडी में धनिया पर बिकवाली का दबाव है। अब तक, दीवाली के आसपास होने वाली त्योहारी सीजन की खरीदारी के कारण कीमतों को मदद मिली है। फिर भी धनिया की कीमतों में 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। थोक खरीदारी अनुपस्थित थी, जबकि एम.पी. तमिलनाडु, केरल से माँग बिल्कुल नही थी। अधिकांश खरीदारों ने अपनी खरीद 15 दिनों तक स्थगित कर दी है। धनिया की कीमतें मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की मंडियों में भी कमजोर थी। (शेयर मंथन, 03 नवम्बर 2020)
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