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हाजिर बाजारों के बेहतर स्थिरता से मिल सकती है जीरे को मदद - एसएमसी

हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 6,550-6,600 रुपये के स्तर पर पहुँचने की क्षमता है।

देश की प्रमुख मंडियों में हल्दी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। निजामाबाद मंडी में, हल्दी की फिंगर और डीपी फिंगर किस्मों की कीमतों में 300-500 रुपये अधिक हो गयी है जबकि गाथा और डीपी गाथा किस्मों की कीमतों में 100-500 रुपये की बढ़ोतरी हुई है जबकि पिछले सत्र के 1,500 बैग की तुलना में 3,000 बैग की आवक हुई है। यह ध्यान दिया जाना चाहिये कि हल्दी की कीमतें इस साल कम उत्पादन की आशंका से पिछले सप्ताह की तुलना में बढ़ रही हैं। तेलंगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक के हल्दी उत्पादक क्षेत्रों में हल्दी की समग्र उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में 13,780 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की उम्मीद है। हाजिर बाजार में, जीरा की सभी किस्मों की कीमतें स्थिर हैं। व्यापारी गुजरात में चल रही बुआई पर ध्यान दे रहे हैं। मौसम की स्थिति सहायक बनी हुई है और व्यापारी अगले महीने से नयी आवक से पहले थोक बाजारों में बड़ी मात्रा में खरीदारी करने से बच रहे हैं। रफ वेराइटी के जीरे की कीमतें 2,105-2,175 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है जबकि एनसीडीईएक्स जीरे की कीमतें 2,225-2,325 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है। बॉम्बे बोल्ड जीरे की कीमतें 2,500-2,590 रुपये प्रति 20 किलोग्राम और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली जीरे की कीमतें 2,425-2,475 रुपये रही है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 6,350 रुपये के पास प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी हुई है। आने वाले दिनों में इसी तरह की प्रवृत्ति देखी जा सकती है। राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की मंडियों में धनिया की फसल की आवक हो रही है। धनिया की नयी फसल में नमी की मात्रा 12-14% है, जिसके कारण इसकी कीमतें 5,000-5,500 रुपये प्रति क्विंटल है। उत्तर प्रदेश में नये धनिया की आवक के साथ कीमतों में गिरावट हुई है। राजस्थान की मंडियों में दक्षिण भारतीय मसाला मिलों की ओर से माँग का इंतजार किया जा रहा है। (शेयर मंथन, 28 जनवरी 2021)

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