हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 8,500 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है और कीमतों के फिर से 8,800-9,000 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है।
इरोड में, हल्दी (सलेम फिंगर) की कीमतें 9,400-9,600 रुपये क्विंटल के स्तर पर पहुँच गयी है। मंडियों में तमिलनाडु और कर्नाटक के किसानों की आवक बढ़ गयी है क्योंकि वे अपनी उपज मौजूदा बाजार मूल्य पर बेचना चाहते हैं। अधिक माँग को देखते हुये, किसानों को उम्मीद है कि यह कीमत कुछ और महीनों तक जारी रहेगी। खेती के तहत क्षेत्र आधी से कम हो जाने के कारण कीमतों में तेजी दर्ज की जा रही है। दूसरे, बांग्लादेश, सिंगापुर, मलेशिया, अमेरिका, ब्रिटेन और खाड़ी देशों से इरोड हल्दी की भारी माँग है। इरोड स्थित व्यापारी हल्दी तेलंगाना के निजामाबाद ले जा रहे हैं, जहाँ से इसे किसान रेल पर बांग्लादेश भेजा जा रहा है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतें 200 दिनों के औसत 13,800 रुपये के पार करने के लिए इंतजार कर रही है, जिसके बाद हम कीमतों में 14,000-14,100 रुपये तक बढ़ोतरी देखी जा सकती हैं। निकट अवधि में कीमतों को 13,450 रुपये के आसपास सहारा है। हाजिर बाजारों में होली और रमजान की माँग पर निगाह रखी जा रही है और बाजार में कम नमी वाली सामग्री के साथ बेहतर गुणवत्ता वाले मसाले का इंतजार किया जा रहा है। ऐसी खबरें है कि उत्पादक क्षेत्रों में बढ़ते तापमान के बीच, नयी आवक में नमी कम होने की उम्मीद से कुछ फॉरवर्ड बुकिंग शुरू हो गयी है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी का रुझान है और आने वाले दिनों में कीमतें 7,450-7,500 रुपये के स्तर देख सकती है। स्थानीय मसाला मिलें राजस्थान की मंडियों में सक्रिय है जिससे ब्लैक, ईगल, बादामी और स्कूटर वेराइटी की कीमतों में इजाफा हो रहा है। रामगंज और कोटा की मंडियों में निर्यातकों की भीड़ बढ़ गयी है। बढ़ता तापमान और साफ आसमान धनिया में नमी कम करने में मदद कर रहा है। नयी फसल में 8-11% नमी की मात्रा है। कम नमी की मात्रा निर्यातकों को अत्यधिक आकर्षित कर रही है। (शेयर मंथन, 02 मार्च 2021)
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