हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 9,200 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है और कीमतों के फिर से 9,500-9,600 रुपये के स्तर पर पहुँचने की उम्मीद है।
बुधवार को, निजामाबाद मंडी में 20,000 बैग की आवक के बीच कीमतों में स्थिरता रही। लेकिन इरोड, सांगली और नांदेड़ की मंडियों में सभी संबंधित किस्मों की कीमतों में 100-400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। इरोड मंडी में फिंगर और गाथा किस्म की कीमतों में 200-400 रुपये प्रति कैंडी की बढ़ोतरी हुई जबकि जो पिछले सत्र के 3,100 बैग की तुलना में में 2,100 बैग की आवक हुई। पिछले सत्र में कीमतें 300-500 रुपये प्रति कैंडी तक पहुँच गयी।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में 14,300-14,400 रुपये तक बढ़ोतरी देखी जा सकती हैं। जीरा की हाजिर कीमतें राजकोट में लगातार तीसरे सत्र में बढ़ी हैं, और कीमतें 25 रुपये प्रति 20 किलोग्राम बढ़ी है। मजबूत माँग और बढ़ती आवक के बीच ऊंझा मंडी में हाजिर दरों में 25 रुपये प्रति 20 किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई। यह ध्यान दिया जाना चाहिये कि पिछले सत्र में ऊंझा मंडी में 12,500 बैग की तुलना में 21,000 बैग की आवक हुई है जबकि राजकोट में पिछले सत्र के 7,000 बैग की तुलना में 7,500 बैग की आवक हुई है। मसाला व्यापारियों ने बताया कि त्योहारी माँग पर गहरी निगाह रखी जा रही है, जबकि खेतों से आवक तेज होने लगी है और बाजार में नमी की मात्रा कम होने के साथ बेहतर गुणवत्ता वाले मसाले का इंतजार है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी का रुझान है और आने वाले दिनों में कीमतें 7,450-7,500 रुपये के स्तर देख सकती है। स्थानीय मसाला मिलें राजस्थान की मंडियों में सक्रिय है जिससे ब्लैक, ईगल, बादामी और स्कूटर वेराइटी की कीमतों में इजाफा हो रहा है। रामगंज और कोटा की मंडियों में निर्यातकों की भीड़ बढ़ गयी है। बढ़ता तापमान और साफ आसमान धनिया में नमी कम करने में मदद कर रहा है। नयी फसल में 8-11% नमी की मात्रा है। कम नमी की मात्रा निर्यातकों को अत्यधिक आकर्षित कर रही है। (शेयर मंथन, 04 मार्च 2021)
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