हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 8,400 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
उच्च स्तर पर माँग घट जाने और बढ़ी हुई आवक के बीच हल्दी की कीमतों में गिरावट हुई। निजामाबाद मंडी में, हल्दी की सभी किस्मों की कीमतों में 200 रुपये की गिरावट हुई है और हल्दी की 20,000 बोरियों की आवक हुई। इसी तरह मंगलवार को सांगली मंडी में पिछले सत्र के 27,448 बोरी की आवक के मुकाबले 32,000 बोरी की आवक के बीच कडप्पा और सांगली किस्मों की कीमतों में 100-300 रुपये क्विंटल की गिरावट हुई है। इस बीच, नांदेड़ और इरोड में गाथा किस्म की कीमतों में क्रमशः 1,400 बैग और 5,300 बैग की आवक के बीच कीमतें 50-100 रुपये फिसल गयी।
जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतें 14,600-15,000 रुपये के दायरे में स्थिर रह सकती है। राजस्थान और गुजरात में कम उत्पादन और पैदावार के कारण 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत में जीरा का उत्पादन 11% घटकर 478,520 टन हो सकता है। चालू सीजन में जीरा की पैदावार 504 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले 522 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 7,200 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है जबकि कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है। मौसम की स्थिति में सुधार के साथ ही राज्य की मंडियों में अधिक आवक के बावजूद धनिया की हाजिर कीमतों में तेजी रही। राजस्थान मंडियों में 33,000 बैग की आवक हुई, जिनमें से 29,500 बैग में नया धनिया और बाकी में पुराना धनिया था। रामगंज मंडी- 21,500 बैग, कोटा मंडी में 3,600 बैग, बारां मंडी में 2,800 बैग और जयपुर मंडी में 1,800 बैग की आवक हुई। इस सप्ताह पिछले दो कारोबारी सत्रों में मसाले की कीमतों में लगभग 200-300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आयी है। खाड़ी देशों के लिए की गयी अधिक खरीद के लिए रामगंज और कोटा की मंडियों में निर्यातक सक्रिय थे। बादामी किस्म की कीमत 5,450-5,600 रुपये है, रामगंज मंडी में ईगल किस्म 5,800-5,900 रुपये प्रति क्विंटल रही है। (शेयर मंथन, 17 मार्च 2021)
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