हाजिर बाजारों से बेहतर रुझानों के कारण हल्दी वायदा (मई) की कीमतों को 7,960 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है।
प्रमुख मसाला बाजार 9 अप्रैल को 15,000 बैग की आवक की तुलना में 25,000 बैग की आवक के कारण कीमतों में गिरावट के साथ खुले। लेकिन पिछले सत्र में 20,000 बैग की तुलना में 17,000 बैग की कम आवक के कारण सांगली मंडी में कीमतों में मजबूती देखी गयी है। वारंगल मंडी में भी 500 बैग की कम आवक के कारण हल्दी की कीमतों को मदद मिली। इस बीच, नांदेड़ बाजार में गाथा और फिंगर वेराइटी की कीमतों में लगभग 200-300 रुपये की गिरावट हुई हैं, जो पिछले सप्ताह 10,000 बैग की तुलना में 8,250 बैग हल्दी की आवक हुई है।
जीरा वायदा (मई) की कीमतें 14,600-14,700 रुपये के पास प्रतिरोध का सामना कर रही है। ऊंझा और राजकोट में जीरा की हाजिर कीमतों में गिरावट हुई है। वर्तमान समय में, हाजिर बाजारों में नयी फसल के आपूर्ति का दबाव है और कई देशों में कोरोना वायरस मामलों में फिर से बढ़ोतरी के कारण लॉॉकडाउन के कारण माँग प्रभावित होगी। यहाँ तक कि विदेशी माँग भी अच्छी है, लेकिन कोविड -19 मामलों में नवीनतम उछाल के कारण माँग को लेकर बहुत अनिश्चितता है।
धनिया वायदा (मई) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 7,100-7,000 रुपये तक लुढ़क सकती है। रामगंज मंडी में बादामी किस्म की कीमतें 5,950-6,070 रुपये प्रति क्विंटल और ईगल किस्म की कीमतें 6,450-6,600 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में रही। इस दौरान कोटा मंडी में बादामी किस्म की कीमतें 5,700-5,850 रुपये प्रति क्विंटल और ईगल किस्म की कीमतें 5,950-6,130 रुपये प्रति क्विंटल रही। कीमतों में गिरावट के पीछे मुख्य कारण चुनावों और कोरोना वायरस संक्रमणों के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच दक्षिण भारतीय खरीदारों की अनुपस्थिति रही है। तमिलनाडु और केरल से भाग लेने वाले मसाला मिलों की संख्या पिछले साल की तुलना में कम रही है, जिससे मंडी की आवक प्रभावित हो रही है। (शेयर मंथन, 16 अप्रैल 2021)
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