हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई है और अब कीमतों के 7,450-7,460 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। हल्दी की माँग स्थिर रही और प्राथमिक स्रोतों से आपूर्ति कुछ बेहतर हुई।
कम आवक के कारण दुग्गीराला और वारंगल बाजार में हल्दी की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी जबकि खराब गुणवत्ता की आवक के कारण केसमुद्रम बाजार में कीमतों में कमी हुई। इरोड बाजार में हल्दी की माँग पिछले सत्र के मुकाबले थोड़ी कम रही। हल्दी की बुवाई वाले क्षेत्रों में लगातार बारिश हुई और अगले सीजन के लिए फसल की संभावनायें बेहतर होने की उम्मीद है।
शॉर्ट कवरिंग के कारण कल जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। निर्यात माँग में कमी और स्टॉकिस्टों की ओर से धीमी स्थानीय खरीदारी से कीमतें एक दायरे में कारोबार कर रही है। गुरुवार को ऊँझा मंडी में जीरा की कीमतों में ज्यादातर बदलाव नहीं हुआ है। कीमतों में नरमी का रुझान है और कीमतों में 13,100-13,000 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है। किसानों के पास स्टॉक की अधिक उपलब्धता और स्थानीय माँग की अनिश्चितता के कारण इस सीजन में कीमतों पर दबाव पड़ा है।
कल धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतें बढ़त के साथ खुली लेकिन उच्च स्तर पर बरकरार नहीं रह सकी और कीमतों में 6,700-6,675 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। कम आवक के बावजूद प्रमुख हाजिर बाजारों में धनिया की कीमतें स्थिर हैं। बारिश के कारण आवक कमजोर बनी हुई है और अधिकांश व्यापारियों ने अपनी खरीदारी स्थगित कर दी है। राजस्थान समेत देशभर की मंडियों में धनिया की आवक स्थिर रही। मसाला बोर्ड द्वारा 2020-21 में अधिक उत्पादन के अनुमान से कीमतों की बढ़त पर रोक लग सकती है। (शेयर मंथन, 30 जुलाई 2021)
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